laxmi puja vidhi diwali 2021-लक्ष्‍मी पूजा सामग्री, व्रत, पूजा विधि 




दीवाली व्रत- 

कार्तिक
कृृष्‍णा अमावस्‍या को समस्‍त भारत में दीपावलीीका त्‍यौहार बड़े ठाट वाट से मनाया
जाता है। यह वैश्‍व जाति का महानतम त्‍यौहार है। इसलिय घर और दूकानों को सजाकर
रात्रि को रोशनी कीजाती है और भगवती लक्ष्‍मी और गणेश जी की पूजा के साथ साथ वही
वसनों का पूजन किया जाता है इसी दिन भगवती लक्ष्‍मी जी समुद्र से प्रकट हुई थी और
इसी दिन राजा बलि को पाताल का राजा बनाकर वामन भगवान ने उसकी ड्योढी पर रहना स्‍वीकार
किया तथा इस‍ि दिन रामचन्‍द्र जी ने
  रावण  को जीतकर सीता और सेना सहित अयोध्‍या मे प्रवेश किया था एवं
इसी दिन राजा वीर विक्रमादित्‍य ने सिंहासन पर बेठकर नवीन संवत की घोषणा की थी।f“
अत: इन
  सब कारणों को लेकर इस दिन भारी उत्‍सव मनाया जाता है और श्री
लक्ष्‍मी जीगणेश जी के सिहत सव देवताओं का पूजन करते हुए सुख सम्‍पत्ति की भगवान
से याचना की जाती है।

दीपावली लक्ष्‍मी पूजा सामग्री-

  1. चंदन 
  2. कपूर 
  3. केसर 
  4. यज्ञोपवीत 5 
  5. कुंकु चावल 
  6. अबीर 
  7. गुलाल 
  8. अ‍भ्रक 
  9. हल्‍दी
  10. सौभाग्‍य द्रव्‍य (चूड़ी, काजल, पायजेब, बिछुड़ी, मेहन्‍दी आदि आभूषण)
  11. नाड़ा
  12. रूई
  13. रोली, सिंदूर
  14. सुपारी पान के पत्‍ते
  15. पुष्‍पामाला, कमलगटटे,
  16. धनिया खड़ा,
  17. सप्‍तमृत्तिका
  18. सप्‍तधान्‍य
  19. कुशा व दूर्वा
  20. पंच मेवा
  21. गंगाजल
  22. शहद मधु
  23. शंकर
  24. शुद्ध घी
  25. दही
  26. दूध
  27. पंच रत्‍न
  28. दीपक
  29. बड़े दीपक के लिए तेल
  30. ताम्‍बुक लौंग लगा पान का बीड़ा
  31. श्रीफल नारियल
  32. धान्‍य चावल गेंहू
  33. लेखनी कलम
  34. बही खाता, स्‍याही की दवात
  35. तुला तराजू
  36. पुष्‍प गुलाब एवं लाल कमल
  37. एक नई थैली में हल्‍दी की गांठ
  38. खडा़ धनिया व दूर्वा आदि
  39. खील- बताशे
  40. अर्ध्‍य पात्र सहित अन्‍य सभी पात्र
  41. ऋतुफल (गन्‍ना, सीताफल, सिंघाड़े)
  42. नैवेद्य या मिष्‍ठान्‍न (पेड़ा, मालपुए आदि)
  43. इलाचयी छोटी
  44. लौंग
  45. मौली
  46. इत्र की शीशी
  47. तुलसी दल
  48. सिंहासन, चौकी, आसन
  49. पंच पल्‍लव ( बड़, गुल्‍लर , पीपल, आम और पाकर के पत्‍ते)
  50. औषधि जटामासी, शिलाजीत आदि।
  51. लक्ष्‍मीजी का पाना
  52. गणेश जी की मूर्ति
  53. सरस्‍वती का चित्र
  54. चांदी का सिक्‍का
  55. लक्ष्‍मी जी को अर्तित करने हेतु वस्‍त्र
  56. गणेशजी को अर्पित करने हेतु वस्‍तत्र
  57. अम्बिका को अर्पित करने हेतु वस्‍त्र
  58.  जल कलश तॉबे या मिटटी का
  59. सफेद कपड़ा आधा मीटर
  60. लाल कपड़ा आधा मीटर

लक्ष्‍मी पूजा विधि-




एक थाल में या भू‍मि शुद्ध करके
नवग्रह
  बनाए। रूपया, सोना चांदी, श्री लक्ष्‍मी जी , श्री गणेश जी व
सरस्‍वती जी श्री महेश
, आदि देवी देवता को स्‍थान दें। यदि
कोई धातु की मुर्र्ति
  होतो उसको साक्षात रूप मान कर पहले
दूध
, फिर दही से, फिर गंगाजल से स्‍नान
कराके वस्‍त्र से साफ करके स्‍थान दें और स्‍नान करायें।दध
, दही व गंगाजल में
चीनी बताशे डालकर पूजन के बाद सबको उसका चरणामृत दें। घी का दीपक जलाकर पूजन आरम्‍भ
करे।
 

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