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भारत में वन // forest of india full hindi notes
भारत में वन forest of india full hindi notes

भारत में वन की सामान्‍य जानकारी indian forest | indian forest information- 




  •  देश की पहली वन नीति 1894 में बनाई गई,
    जिसे 1952 तथा 1988 में संसोधित किया गया।
  • राष्ट्रीय वन नीति के अनुसार देश
    के कूल भौगोलिक क्षेत्र के 33.3 प्रतिशत (पर्वतीय क्षेत्र मे 66.67 प्रतिशत)
    हिस्से पर वन होने चाहिए।
  •  भारतीय वन सर्वेक्षण विभाग की स्थापना 1981 में देहरादून
    में की गई थी
    । जो प्रत्येक दो वर्ष बाद 
    वनों की रिपोर्ट जारी करता है।
  • हाल ही में पर्यावरण वन व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
    के अधीन एक संगठन भारतीय वन सर्वेक्षण द्वारा भारतीय वन स्थिति रिपोर्ट – 2019 forest survey of india जारी
    की गई। यह भारत की 16वीं वन रिपोर्ट है
    ,
  • जिसके अनुसार भारत के कुल भौगोलिक
    क्षेत्रफल का वनावरण क्षेत्र 21.67 प्रतिशत
    है। स्वतत्रंता प्राप्ति 
    के समय भारत में 21 प्रतिशत भाग पर
    वन
    थे।
  •  16 वीं वन सर्वेक्षण रिपोर्ट में वन तथा वन संसाधनो
    के आकलन के लिए भारतीय दूर संवेदी उपग्रह रिसोर्स सेट -2 से प्राप्त आंकड़ो का प्रयोग
    किया गया है।
  •  वर्तमान रिपोर्ट में वनो के प्रकार एवं जैव
    विविधता नामक एक नए अध्याय को जोड़ा गया है
    , जिसके अन्तर्गत वृक्षो की प्रजातियों को 16 मुख्य
    वर्गो में विभाजित करके उनका चैम्पियन एवं सेठ वर्गीकरण के आधार पर आकलन किया गया
    है।
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forest survey of india l ifsk
2029
से संबंधित प्रमुख तथ्‍य

देश में
वनों एवं वृक्षों से आच्‍छादित कुल क्षेत्रफल

807276 वर्ग किमी (कुल भौगौलिक क्षेत्रफल का 24.58%

कुल भौगौलिक क्षेत्रफल का वनावरण
क्षेत्र percentage of forest cover in india

712249 वर्ग किमी (कुल भौगौलिक
क्षेत्रफल का 21.67
%)

कुल भौगौलिक क्षेत्रफल का
वृक्षावरण क्षेत्र

0.56%

वनाच्‍छादित क्षेत्रफल में
वृद्धि

1.29%

वनावरण व वृक्षावरण क्षेत्रफल
में कुल वृद्धि

0.85%

वनों की
स्थिति से संब‍ंधित राज्‍यवार आंकडें

सर्वाधिक
वनावरण प्रतिशत वाला राज्‍य

मिजोरम

सर्वाधिक
वन क्षेत्रफल वाला राज्‍य

मध्‍यप्रदेश

वन
क्षेत्रफल में सर्वाधिक वृद्धि वाला राज्‍य

कर्नाटक

रिकार्डेड
फोरेस्‍ट एरिया में कमी

0.05%

बांस
क्षेत्र में वृद्धि

3229 वर्ग किमी

मैंग्रोव
वनों में वृद्धि

54
वर्ग किमी (1.10%)

 अन्य तथ्य –

  •  असम व त्रिपुरा को छोड़कर बाकी सभी उतर पूर्वी राज्यों
    के वनावरण क्षेत्रो में कमी आई है।
  •  महाराष्ट्र वनो पर लकड़ी व ईंधन के लिए सर्वाधिक
    आश्रित राज्य है।
  •  मध्यप्रदेश वनो पर चारा,
    इमारती लकड़ी व बांस हेतु सर्वाधिक आश्रित है।
  •  भारत के कुल वनो का 21.40% हिस्सा वनो में लगने वाली आग से प्रभावित है।
  •  न्छव् द्वारा 2011 को अन्तर्राष्ट्रीय वन वर्ष
    घोषित किया है।
  •  शान्त घाटी (साईलेन्ट वेली) केरल में है,
    जो जैव विविधता तथा सदाबहार वनों का संरक्षण स्थल है 
  •  फूलों की घाटी उत्तराखण्ड में है।
  •  भारतीय वन सेवा का प्रारम्भ 1966 में शुरू हुआ।
  •  भारत में 93 प्रतिशत वन उष्ण कटिबंधीय और मात्र
    7 प्रतिशत वन शीतोष्ण कटिबंधीय है।
  •  वैश्विक विरासत का वन सुन्दरवन (पं. बंगाल) को कहा
    जाता है।
  •  वन सम्पदा की दृष्टि से भारत का विश्व में 10वां
    तथा एशिया में चैथा स्थान है।
  •  स्वतंत्रता प्राप्ति के समय भारत में 21 प्रतिशत
    भाग पर वन थे।
     

वनो का वर्गीकरण types of forest




अत्यतं सघन वन – ऐसी भूमियां जहां
वृक्षावरण का सघन घनत्व
70% या इससे अधिक हो।

सामान्य सघन वन – ऐसी भूमियां जहां
वृक्षावरण का सघन घनत्व
40% से 70% के मध्य हो।

खुले वन – ऐसे वन क्षेत्र जहां
वृक्षावरण का घनत्व
10% से 40% के मध्य हो।

झाडी़दार वन – ऐसे वन जिनमे
वृक्षोत्पति कम हो तथा छोटे ठुंठ वृक्ष अधिक हो। इनका संघन घनत्व
10 
प्रतिशत से कम होता है।

गरै वन – वे वन जो उपर वर्णित
वनो में शामिल न हो।

मैंग्रोव वन – खारे पानी को सहन
करने में योग्य पारिस्थितकी के वन जो मुख्यतः ज्वारीय क्षेत्रो में पाए 
जाते है।

आरक्षित वन – ऐसे सभी क्षेत्र जो
भारतीय वन अधिनियम या राज्य वन अधिनियम के अन्तर्गत पूर्ण रूप से संरक्षित होते
है। इनमें सभी प्रकार के क्रियाकलापो पर रोक लगी होती है।

सरंक्षित वन – ऐसे सभी क्षेत्र
जो भारतीय वन अधिनियम या राज्य वन अधिनियम के अन्तर्गत कुछ 
सीमा तक संरक्षित हो। इनमें सरकारी
आज्ञा से सभी प्रकार के क्रियाकलापो की अनुमति रहती है।

अवर्गीकृत वन – ऐसे वन क्षेत्र जो
वनो के रूप में अभिलिखित तो है पर आरक्षित अथवा संरक्षित की श्रेणी में नही है।

भारत में  वानिकी Indian Forestry

  • भारतीय कृषि वानिकी अनुसंधान केन्द्र
    – झांसी (उ.प्र.)
  • केन्द्रीय मरूक्षेत्र अनुसंधान
    संस्थान – जोधपुर
  • भारत सरकार ने 1950 में वन महोत्सव कार्यक्रम शुरू किया। भारत में वन
    महोत्सव के जन्म दाता डा. के. एम. मुंशी थे।

प्राकृतिक वनस्पति

भारत में वन वर्षा का अनुसरण करते
है। जिन भागो में भारी वर्षा होती है वहां वन घने है
, सामान्य वर्षा 
वाले स्थानो में खुले व कम वर्षा
वाले स्थानो पर
कंटीले वन पाए जाते है। भारतीय वनो का वर्गीकरण 
अधोलिखित प्रकार से किया जा सकता
है-

1. पर्वतीय वन/कोणधारी वन:-

  •  ये वन समुदªतल से 1500 से 3000 मीटर की उॅचाई
    वाले क्षेत्रों में मिलते है।
  •  इन वनों में वृक्ष मोटे तने वाले एवं 15 से 18 मीटर
    ऊँचे होते है।
  •  ये सदा हरे-भरे रहते है।
  •  मुख्य वृक्षों में चीड़, देवदार, सनोवर व स्पू्रस प्रमुख है।
  •  ये दक्षिण में महाबलेष्वर (महाराष्ट्र), पंचमढ़ी (मध्यप्रदेश) और उत्तर भारत
    में हिमालय पर्वतीय क्षेत्रों में मिलते है।

2. उष्ण कटिबंधीय मानसूनी वन/पतझड़
वन:-

  •  इन वनों के वर्षा प्रारम्भ होने से पूर्व पत्ते
    झड़ जाते है
    , इसलिए इन्हें मानसूनी पतझड़ वन कहते है।
  •  ये उन क्षेत्रों में मिलते है जहां औसत वार्षिक
    वर्षा 100 से 200 सेमी. होती है।
  •  जिनमें सागवान,
    साल, शीशम, चंदन, नीम व आम के वृक्ष मुख्य है।
  •  ये उत्तरांचल,
    पूर्वी उत्तरप्रदेश,
    पूर्वी मध्यप्रदेश,
    छत्तीसगढ़, पूर्वी महाराष्ट्र और कर्नाटक आदि में मिलते है।
  •  ये वृक्ष सर्वाधिक महत्व वाले, कम लम्बे व खुले वन रूप में पाए
    जाते है।
  •  ये देश के सर्वाधिक क्षेत्र पर पाये जाते है।

3. शुष्क वन:-

  •  ये 50 से 100 सेमी. औसत वार्षिक वर्षा वाले
    क्षेत्र में मिलते है।
  •  वर्षा की कमी के कारण ये ज्यादा उॅंचे नहीं होते
    व इनकी जड़े लम्बी होती है।
  •  इनमें बरगद, पीपल, बबूल, नीम व महुआ प्रमुख है।
  •  ये वन पंजाब, हरियाणा, पूर्वी राजस्थान व उत्तरप्रदेश में मिलते है।

4. मरूस्थलीय वन:-

  •  ये 50 सेमी. से कम औसत वार्षिक वर्षा वाले
    क्षेत्रों में मिलते है।
  •  पत्तियां कम व छोटी तथा कांटेदार होती है। जड़े लम्बी
    और मोटी होती है। कांटे इनकी वाष्पीकरण
  • तथा पशुओ से रक्षा करते है।
  •  इनमें खजूर, खेजड़ी नागफनी, बेर, केर, रोहिड़ा व रामबाँस मुख्य है।
  •  ये पश्चिमी पंजाब, पश्चिमी
    राजस्थान व गूजरात में मिलते है।

5. ज्वारीय वन/दलदली वन:-

  •  ये वन नदियों के मुहानों व डेल्टाई क्षेत्रों
    में पाए जाते है।
  •  ज्वार भाटा के समय समुद्र का जल किनारे पर आता
    है और इनकी जड़ों को सिचंता है।
  •  ये डेल्टा क्षेत्र में मिलने के कारण डेल्टाई वन
    कहलाते है।
  •  इन वनों में सुंदरी वृक्ष, गंगा ब्रह्मपुत्र के मुहाने में विशेष रूप से मिलते
    है।
  •  इनमें ताड़, नारियल व
    मेंग्रोव आदि वृक्ष मिलते है।
  •  ये वन गंगा, ब्रह्यपुत्र, महानदी, कृष्णा
    कावेरी
    , नदियों के डेल्टा मिलते है।
  •  इनका सर्वाधिक विस्तार पं. बंगाल में है।

6. उष्ण कटिबन्धीय सदाबहार वन:-

  • ये 22 सेल्सियस तक औसत तापमान और 200 सेमी अधिक
    औसत वर्षा वाले क्षेत्रों में मिलते है।
  • वर्षा की अधिकता व तापमान की अनुकूलता के कारण
    वर्ष भर हरे-भरे रहते है। इसलिए इन्हें सदाबहार वन कहते है।
  •  इन वनों की उॅंचाई 45 से 60 मीटर होती है। इनमें
    रबर
    , महोगनी, सिनकोना, नारियल, एबोनी एवं
    बांस के वृक्ष मिलते है।
  •  भारत में ऐसे वन महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल का पश्चिमी
    भाग
    , निकोबार द्वीप समूह, असम, मेघालय, अरूणाचल
    प्रदेश
    , उड़ीसा का तटीय भाग, नीलगिरि
    की पहाड़ी आदि में मिलते है।

भारत सरकार द्वारा वन विकास हेतु किए
जाने वाले कार्य-




1.केन्‍द्रीय आयोग की स्थापना – 

1965 में केन्द्रीय वन आयोग की स्थापना की गई, जिसका कार्य
आंकडे़ व सुचनाए एकत्रित करना
, तकनीकी सुचनाओ को प्रसारित करना व
वनो के विकास में लगी हुई संस्थाओ के कार्यो को समन्वित करना होता है। यह
केन्द्रीय वन बोर्ड को तकनीकी सहायता भी देता है।

2. भारतीय वन सर्वेक्षण संगठन – 

वनो में क्या क्या वस्तुएं उपलब्ध है उनका पता लगाने के लिए जून 1971 में इस संगठन
को स्थापित किया गया।

3. वन अनुसंधान संस्‍थान indian forest research institute– 

देहरादून
में 1906 में इसे स्थापित किया गया। इसका प्रमुख उद्देश्य वनो से प्राप्त वस्तुओ
के संबन्ध में अनुसंधान
करना व वनो के संबन्ध में शिक्षा देना है। indian forest research institute
वन रक्षको व राज्य सरकारो के वन विभाग के अधिकारियो को प्रशिक्षण देती है।

4. काष्ठ कला प्रशिक्षण केन्‍द्र

 राज्य सरकारो के वन विभाग के अधिकारियो व कर्मचारियो को लकड़ी काटने का प्रशिक्षण
देने के लिए 1965 में देहरादून मे काष्ठ कला प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित किया गया।

5. वन सरंक्षण अधिनियम – 

केन्द्रीय
सरकार ने 1980 में वन संरक्षण अधिनियम पारित कर लागु किया है

जिसके अनुसार किसी भी वन भूमि को
सरकार की अनुमति के बिना कृषि भूमि मे परिवर्तित नही किया जा सकता है। 1988 में इस
अधिनियम में संशोधन कर इसे और अधिक प्रभावी बना दिया गया है।


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भारत का भूगोल !! ncert pattern !! bharat ka bhugol hindi notes !! indian geography

  • भारत का नामकरण ।। रेखाएं ।। भारत का सामान्‍य परिचय ।।

  • भारत के राज्‍य एवं केन्‍द्र शासितप्रदेश उनकी राजधानियां

  • भारत की भौगौलिक संरचना ।। चट्टानें ।। दक्षिण का प्रायद्वीपीय पठार ।। उत्तर की पर्वत मालाएं ।। उत्तर का विशाल मैदान ।। 

  • भारत के  प्रमुख दर्रें

  • भारत के प्रायद्वीपीय पठारें ।। मध्‍यवर्तीउच्‍च भूमियां ।। दक्षिणी पठारी भूमि ।। प्रायद्वीपिय भारत के पर्वतीय प्रदेश।।

  • उत्तर का पर्वतीय क्षेत्र हिमालय ।।प्रायद्वीपियपठार ।। उत्तर भारत का विशाल मैदान।।तटवर्ती मैदान एवं द्विपीय भाग।।

  • उत्तर भारत का पर्वतीय मैदान ।।

  • भारत की सीमाएं ।। भारत की जलीय सीमा।।भारत का पश्‍चिमी तट ।।भारत का पूर्वी तट ।। भारत की जलसंधियां ।। भारत की अंतर्राट्रीयसीमाएं ।। भारत की प्रमुख रेखाएं ।।

  • भारत के तटीय प्रदेश ।।भारत के द्वीपसमूह ।।

  • भारत की जलवायु ।। भारत का मानसून ।।जलवायु प्रदेश एवं विभाजन ।।

  • भारत की मृदा ।। मिट्टीयां ।। एवं वर्गीकरण।।

  • भारत की जनगणना 2011 ।। भारत की जनसंख्‍यानीति ।। राष्‍ट्रीय जनसंख्‍या रजिस्‍टर ।। जनसंख्‍या नीति 2000 ।।

  •  भारत की अपवाहतंत्र ।। भारत की भौगौलिक विशेषता ।।

  • भारत की झीलें ।।भारत के प्रमुख जल प्रपात।।

  • भारत के प्रमुख खनिज संसाधन ।। खनिज पेटियां ।। भारत में प्रमुख परमाणु उर्जा ।। भारत के प्रमुख विद्यूत केन्‍द्र ।।

  •  भारत के बहुउद्देश्‍यीय परियाजनाएं ।। भारत के विभिन्‍नबांध कार्यक्रम  ।। भारत एवं पाक के मध्‍य विदादित जल विद्युत परियोजनाएं

  • भारत में कृषि ।। भारत के फसल ऋतुऐं ।।भारत के फसलों के प्रकार ।। कृषि जोतें ।। कृषि के प्रकार ।। भारत में सिंचाई व्‍यवस्‍था  ।। कृषि विधियां ।। कृषि क्रांतियां ।। कृषि अंतर्राट्रीय संस्‍थान ।।

  • भारत के उद्योग ।। स्‍टार्ट अप इंडियाअभियान ।। मेक इन इंडिया ।।

  • भारतीय के वन्‍य जीव  अभ्‍यारण्‍य एंव राष्‍ट्रीय उद्यान ।। प्रमुख टाइगररिजर्व ।।

  • भारते में वन जंगल ।। वर्गीकरण ।। भारतमें वानिकी ।। भारत सरकार वन विकास कार्य ।।  


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