Cg Jas Geet ! Chhattisgarhi Geet ! Chhattisgarhi Jas Geet lyrics
छत्तीसगढ़ में जस गीत (cg jas geet) को काफी पसंद किया जाता है। अक्सर लोग jas geet mp3 को लगातार सुनते है छत्तीसगढ़ी जस गीत (cg jas geet) गांवो में विशेष आयोजीत होता है साथ इसे ऑनलाइन माध्यम youtube jas geet के रूप में विडियो या ऑडियो( mp3 cg jas geet) सुना एवं देखा जाता है।
इस पोस्ट में लिखित रूप में chhattisgarhi jas geet प्रसतुत किया जा रहा है कई मौके पर यह सुना जाता हैं
1- नौ दिन आए पहुना ओ एवं
2- जय होवय तोर जस गीत का लिखीत (chhattisgarhi jas geet lyrics) वर्णन हैं
नौ दिन आए पहुना ओ
रचनाकार– वसन्ती वर्मा
अवसर– दुर्गा पूजा या नवरात्री के अवसर पर
(chhattisgarhi devi । chhattisgarhi durga । devi jas geet । mata rani ke jas । mata ke jas । durga jas । mataji ka jas । durga jas geet)
मोर दुरगा मैया, नौ दिन बर आए पहुना ओ।
आए ओ माता आए ओ………
मोर दुरगा मैया, नौ दिन बर आए पहुना ओ ।
रोज बिहनिया सुरूज उगथे, पुननी म चन्दा बरथे।
अधियारी म जुगनी दिखथे, घमत हे धरती माई ।।
मोर दुरगा मैया,
एक दिन मा चौबीस घन्टा, सात दिन होथे हप्ता।
कोरी अठारा अउ पांच मा, होथे ओ साल बारा – महीना।।
मोर दुरगा मैया…..
ब्रह्म लोक म ब्रह्मा हावय, विस्णु लोक भगवाने।
महादेव कैलास, बिराजे साथ में गौरा माई।।
मोर दुरगा मैया……
जय होवय तोर
इस chhattisgarhi jas geet के बोल जय होवय तोर है इस छत्तीसगढ़ी जस गीत को (chhattisgarhi jas geet) राघवेन्द्र दुबे जी के द्वारा रचना किया गया है।
रचना कार– राघवेन्द्र दुब्रे
जय होवय, जय होवय, जय होवय तोर ।
जय छत्तीसगढ़ मइया, जय होवय तोर ।।
कोन बरन तोर लुगरा सोहय,
कोन बरन हे अंचरा
हरा बरन हे अंचरा
हरा बरन के लुगर सोहय
सोनहा बरन के अंचरा
तँ अन-धन के भंडार, मइया जय होवय तोर
कोन हाथ म हंसिया धरे,
कोन म धान के बाली,
जेवनी हाथ म हंसिया धरे,
डेरी म धान के बाली,
तँय सबके पालनहार, इया जय होवय तोर …।
उत्तर म हे दाई अंबिका
दक्खिन दंतेसरी दाई,
चन्द्रसेनी हे चन्दरपुर म,
रतनपुर म महामाई ।
देवी देवतन हे रखवार, मइया जय होवर तोर ।….
जगा जगा म मेला भरथे,
देवतन के रइथे डेरा,
खेत-खार जंगल झाड़ी तोर,
लगाके राखय घेरा
सब कोती नदी पहार, मइया जय होवय तोर ।…..
chhattisghi jas geet in english
jay hovay, jay hovay, jay hovay tor.
jay chhattisgadh maiyaa, jay hovay tor ..
kon baran tor lugara sohay,
him baran he anchara
hara baran ke loogar sohay
sonha baran ke anchara
tay ann-dhan ke bhandar, maiyaa jay hovay tor
kon hath me hansiya dhare,
kon ma dhaan ke bali,
javani hath ma hansiya dhare,
dairi ma dhaan ke bali,
tany sabke palanhar, iya jay hovay tor ….
uttar ma he dai ambika
dakhin dantesari dai,
chandraseni he chandarspur ma,
ratanpur ma mahamai.
Devi devatan he rakhvaar, maiya jay hovar tor …..
jaga jaga me mela bharte,
devatan ke raithe Dera,
kheth khaar jangal jadhi tor,
lagake rakhay ghera
Sab koti nadi pahaad, maiyaa jay hovay tor …..
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