छत्तीसगढ़
में श्रमिक आन्दोलन-1920 – 1940 Chhattisgarh workers movements
छत्तीसगढ़
में मजदूर आंदोलन की पृष्ठभूमि श्रमिक आन्दोलन का एकमात्र केन्द्र उस दौर में
बंगाल नागपुर कॉटन मिल्स राजनांदगाव में स्थति था। यह एक ही बडा औद्यौगिक उपक्रम
था।
छत्तीसगढ़
में श्रमिक आन्दोलन का कारण– मालिकों द्वारा शोषण, श्रमिक
असन्तोष थे, इस कारण आन्दोलन की शुरूआत हई।
- केंद्रीय
भुमिका- ठाकुर प्यारेलाल
बंगाल
नागपुर कॉटन मिल्स BNC Mill–
- स्थापना– 23 जुन 1890 राजनांदगांव स्टेशन के पास
- पूर्व नाम– CP Mills
- उत्पादन वर्ष– 1894
- रियासत के राजा– संचालक बोर्ड अध्यक्ष बलराम दास
- निर्माता– बम्बई के जे वी मैकवेथ ने कंपनी शॉवालीश कम्पनी
कलकत्ता को बेचा। - नामकरण– बंगाल – नागपुर मार्ग पर स्थित होने के कारण बीएन
मिल नाम पड़ा
1⏐प्रथम श्रमिक आंदोलन- 1919-20
कारण– 12 से 13 घण्टे मजदूरी करने के कारण
- हड़ताल 36 दिनों का नेतृत्व ठाकुर प्यारेलाल
परिणाम– मजदूरी घण्टे कम किया गया। आन्दोलन सफल
ठाकुर प्यारेलाल को रियासत के राजा बलराजदास द्वारा राजनांदगांव
से निष्कासन कर दिया गया। लेकिन मध्य प्रान्त गवर्नर ने कहने पर निष्कासन रद्द
।
2⏐द्वितीय श्रमिक आंदोलन- 1924
कारण– मिल में अव्यवस्था के कारण
- पुन: आंदोलन लम्बी हड़ताल नेतृत्व ठा. प्यारेलाल
- हड़ताल के दौरान खाने में सिपाही द्वारा बर्तनों को ठोकर
मारा जिससे मजदूर आक्रामक हो गये। - एक मजदूर ने भ्रष्ट बाबू गंगाधर राव को थप्पड़ मार दिया। जिसके कारण 13 मजदूर गिर्फतार
- हातापाई में पुलिस ने गोलिया चलाई एक मजदूर की मौत हुई।
परिणाम– ठाकुर प्यारेलाल द्वारा नियंत्रण किया गया । एवं
प्यारेलाल जी पुन: निष्कासित हुए। वे रायपुर सिप्ट हो गये।
3⏐तृतीय श्रमिक आंदोलन-
कारण– मिल प्रबंधन ने मजदूर वेतन में 10 प्रतिशत की कटौती
कर दिया। पुन: हड़ताल।
- ठाकुर प्यारेलाल की फिर इंट्री। वे रेलवे स्टेशन विश्राम
गृह में रूकें। - मजदूर प्रतिनिधी श्री रूईकर एवं अधिकारियों में समझौता हुआ।
परिणाम– ठाकुर प्यारेलाल जी ने नया प्रस्ताव जारी किया
जिसे बोर्ड द्वारा स्वीकार कर लिया गया।
- ठाकुर साहब का निष्काषन रद्द कर दिया गया ।
ठाकुर प्यारेलाल को इन कृतो के कारण सहकारिता के जनक कहा
जाता है।