chhattisgarh wildlife sanctuary ! chhattisagrh ke abhyaranya
wildlife conservation की दृष्टि से छत्तीसगढ़ में chhattisgarh wildlife
sanctuary की स्थापना की गई है जो संरक्षित वन
क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं। chhattisgarh wildlife sanctuary में कुल wildlife sanctuary 11 अभ्यारण्य
है जो निम्नलिखित है।
S.NO
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WILDLIFE SANCTUARY
|
DISTRICT
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ESTABLISHMENT YEAR
|
Area
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1
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TAMORPINGLA
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surajpur
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1978
|
608 KM
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2
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SEMARSOT
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BALRAMPUR
|
1978
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430
|
3
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BADALKHOL
|
JASHPUR
|
1975
|
105
|
4
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GOMARDA
|
RAIGARH
|
1975
|
278
|
5
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BARANWAPARA
|
MAHASAMUND
|
1976
|
245
|
6
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UDANTI
|
GARIYABAND
|
1983
|
230
|
7
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SITANADI
|
DHAMTARI
|
1974
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559
|
8
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ACHANAKMAR
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MUNGELI
|
1975
|
553
|
9
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BHORAMDEV
|
KAWARDHA
|
2001
|
163
|
10
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BAIRAMGARH
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BIJAPUR
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1983
|
139
|
11
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PAMED
|
BIJAPUR
|
1983
|
262
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तमोर पिंगला अभ्यारण्य tamor pingala wildlife sanctuary –
तमोर
पिंगला अभ्यारण्य जिला सुरजपुर में स्थित है, तमोर पिंगला अभ्यारण्य की स्थापना 1978 में हुई तमोर पिंगला अभ्यारण्य का क्षेत्रफल्
608 वर्ग किमी है इसके अंदर विशेश वन्य जीव नीलगाय है। यह छत्तीसगढ़ का क्षेत्रफल
की दृष्टि से सबसे बड़ा अभयारण्य है।
सेमरसोत अभ्यारण्य semarshot wildlife sanctuary –
सेमरसोत अभ्यारण्य
जिला बलरामपुर में स्थित है इसकी स्थापना 1978 में हुई सेमरसोत
अभ्यारण्य
का क्षेत्रफल 430 वर्ग किमी है। इसके अंदर नीलगाया पाई जाती है। सेमरसोत
अभ्यारण्य
में विशेष देखने हेतु पवई जलप्रपात, तातापानी है।
बादलखोल अभ्यारण्य badalkhol wildlife sanctuary –
जिला जशपुर में बादलखोल अभ्यारण्य की स्थापना
1975 में हुई। बादलखोल अभ्यारण्य का क्षेत्रफल 105 वर्ग किमी है। बादलखोल अभ्यारण्य
जशपुर में वनों को ढाब के नाम से जानते हैं।
गोमर्दा अभ्यारण्य gomarda wildlife sanctuary –
जिला रायगढ़ में स्थित है। गोमर्दा अभ्यारण्य
की स्थापना1975 में हुई।क्षेत्रफल 278 वर्ग किमी में गोमर्दा अभ्यारण्य फैला हुआ
हैं। गोमर्दा अभ्यारण्य में अंदर सोनकुत्ता पाया जाता है।
बारनवापारा अभ्यारण्य Barnavapara wildlife sanctuary –
जिला महासमुन्द में स्थित है। बारनवापारा
अभ्यारण्य की स्थापना 1976 में हुई। बारनवापारा अभ्यारण्य का क्षेत्रफल 245 वर्ग
किमी है। बारनवापारा अभ्यारण्य में सामान्यत: जानवर पाए जाते हैं। साथ ही सर्वाधिक
सर्प पाये जाते हैं। बारनवापारा अभ्यारण्य के बीचों बीच बलमदेई नदी गुजरती है जिसमें
सात देवधारा जलप्रपात स्थित है। तुरतुरिया आश्रम महासमुंद स्थित हैं। यहीं पर लव कुश
का जन्म हुआ था ऐसा माना जाता है।
उदन्ती अभ्यारण्य udanti wildlife sanctuary –
उदन्ती अभ्यारण्य जिला गरियाबंद में स्थित
है। उदन्ती अभ्यारण्य की स्थापना 1983 है। उदन्ती अभ्यारण्य का क्षेत्रफल 230
वर्ग किमी है।उदन्ती अभ्यारण्य
के बीच में उदन्ती नदी बहती है, जिसमें गोदना जलप्रपात
स्थित है। 2009 से टाइगर रिजर्व में शामिल है एवं 2006 में प्रोजेक्ट टाइगर में शामिल
किया गया है। सर्वाधिक मात्रा में वनभैसें एंव मोर पाए जाते हैं। उदन्ती अभ्यारण्य
में करनाल रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा शोध किया जा रहा है। उदन्ती अभ्यारण्य
में मादा वनभैंसा का जन्म हुआ जिसका नाम–दीपआशा है।गरियाबंद
जिले के वन में मूषक हिरण पाया जाता है।
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सीतानदी अभ्यारण्य sitanadhi wildlife sanctuary –
सीतानदी अभ्यारण्य जिला धमतरी के अंतर्ग्त
है इसकी स्थापना-1974 में कि गई। सीतानदी अभ्यारण्य क्षेत्रफल 559 वर्ग किमी में
फैला है। सबसे प्राचीन अभ्यारण्य हैं।2009 से टाइगर रिजर्व में शामिल किया गया है।
सन् 2006 में उदन्ती के साथ प्रोजेक्ट टाइगर में शामिल किया गया। सर्वाधिक मात्रा
में तेंदुए पाये जाते हैं। सीतानदी के नाम पर नामकरण किया गया है।
अचानकमार अभ्यारण्यAchanak mar wildlife sanctuary –
अचानकमार अभ्यारण्य जिला मुंगेली में स्थित
है। अचानकमार अभ्यारण्य की स्थापना 1975 में हुई। अचानकमार अभ्यारण्य का क्षेत्रफल
देश का 14 वां बायोस्फीयर रिजर्व है। 2009 से टाइगर रिजर्व में शामिल किया गया है
एवं 2006 में प्रोजेक्ट टाइगर में शामिल किया गया है। अचानकमार के बीचों बीच मनियारी
नदी बहती है। सर्वाधिक मात्रा में बाघ पाये जाते है।
भोरमदेव अभ्यारण्य bhoramdev wildlife sanctuary –
भोरमदेव मंदिर के नाम पर नामकरण किया गया
है। भोरमदेव अभ्यारण्य जिला कवर्धा में स्थित है। भोरमदेव अभ्यारण्य की स्थापना
2001 में की गई। इसका क्षेत्रफल 165 वर्ग किमी है।छत्तीसगढ़ का सबसे नवीनतम अभ्यारण्य
भोरमदेव अभ्यारण्य है।
भैरमगढ़ अभ्यारण्य bairamgarh wildlife sanctuary –
जिला बीजापुर में स्थित है भैरमगढ़ अभ्यारण्य
की स्थापना 1983 में हुआ। भैरमगढ़ अभ्यारण्य का क्षेत्रफल 139 वर्ग किमी है।
पामेड़ अभ्यारण्य
pamed wildlife
sanctuary–
यह जिला बीजापुर में स्थित है। पामेड़ अभ्यारण्य की स्थापना
1983 में हुई। पामेड़ अभ्यारण्य का क्षेत्रफल 262 वर्ग किमी है।
chhattisgarh wildlife sanctuary special imp facts
सबसे पुराना अभ्यारण्य
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सीतानदी 1974 में स्थापना
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सबसे नवीनतम अभ्यारण्य
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भोरमदेव 2001 में।
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सबसे छोटा अभ्यारण्य
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बादलखोल 105 वर्ग किलोमीटर।
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सबसे बड़ा अभ्यारण्य
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तमोरपिंगला 608 वर्ग किलोमीटर।
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सर्वाधिक तेंदुआ
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सीतानदी धमतरी ।
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सर्वाधिक सोनकुत्ता
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गोमर्डा अभ्यारण्य रायगढ़ में ।
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सर्वाधिक बाघ
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अचानकमार मुंगेली में।
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सर्वाधिक नीलगाय
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तमोरपिंगला,
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सर्वाधिक वनभैंसा एवं मोर
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उदन्ती गरियाबंद।
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chhattisgarh wildlife sanctuary tiger reserved and tiger
project
Wildlife sanctuary
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tiger reserved
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tiger project
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Indrawati
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1983
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2009
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Udanti+sitanadhi
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2006
|
2009
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Achanakmar
|
2006
|
2009
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