छत्तीसगढ़ जिला खनिज संस्थान न्यास Chhattisgarh DMF की सामान्य जानकारी
इस पोस्ट में देखेंगे कि
छत्तीसगढ़ जिला खनिज संस्थान न्यास DISTRICT MINERAL
FOUNDATION के बारे में । इसके अलावा जिला खनिज निधि या DMF FUND की सारी जानकारी एवं उसका प्रबधन कैैसा होता हैै यह देेखेेंगे।
यह छत्तीसगढ़ राज्य पर
फोकस किया गया है।
छत्तीसगढ़ जिला खनिज संस्थान न्यास क्या है। Dmf kya hai :-
एक गैर लाभ अर्जित करने वाली संस्था है। खनन संक्रियाओं से प्रभावित व्यक्तियों
एवं क्षेत्र के विकास के लिये छत्तीसगढ़ जिला खनिज संस्थान न्यास नियम 2015
लागू किया गया है, जो दिनांक 12 जनवरी 2015 से
प्रभावशील मान्य किया गया है।
अधिनियम एवं
धारा :-
खान मंत्रालय की खान एवं खनिज विकास और विनियम अधिनियम 1957 की धारा 9 ख, 15(4) एवं 15 क के
तहत राज्य सरकार द्वारा, छत्तीसगढ़जिला खनिज संस्थान न्यास नियम, 2015,।
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अधिसूचित
एवं गठन :-
22 दिसम्बर
2015 अधिसूचित किया गया है। राज्य सरकार द्वारा खनन संक्रियाओं से प्रभावित व्यक्तियों
एवं क्षेत्र के विकास हेतु समस्त 27 जिलों में chhattisgarh dmf का गठन किया गया है।
Chhattisgarh DMF के लिए वित्तीय व्यवस्था:-
न्यास के
कार्यो के लिए वित्तीय व्यवस्था मुख्य खनिज एवं गौण खनिज क खनिपट्टों, पूर्वेक्षण
सह खनिपटटो से प्राप्त रायल्टी का 10 से 30 प्रतिशत राशि डी एम एफ के रूप में
प्राप्त की जा रही है।
नोट:-अक्टूबर , 2019 तक जिला
खनिज संस्थान न्यास chhattisgarh dmf में 4615 करोड़ की राशि प्राप्त हो चुकी है।
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डीएमएफ के
क्रियान्वयन हेतु नवीन प्रावधान :-
- शासी परिषद्
के पदेन अध्यक्ष संबंधित जिले के प्रभारी मंत्री होगें।
- शासी परिषद्
क पदेन सदस्य सचिव संबंधित जिले के कलेक्टर होगें।
- शासी परिषद्
के पदेन सदस्य संबंधित जिले के समस्त विधानसभा सदस्य होगें।
- खनन क्षेत्र
क ग्रामसभाओं से 10 सदस्यों का शासी परिषद में मनोनयन ।
- न्यास निधि
में प्राप्त् राशि का 50 प्रतिशत राशि का उपयोग प्रत्यक्ष प्रभावित क्षेत्रों
में किया जाना सुनिश्चित होगा ।
- हितग्राहियों
का चिंन्हांकन एंव सर्वोक्षण के आधारा पर चिन्हिंत आवश्यकता अनुसार पांच वर्षीय
विजन डॉक्यूमेंट बनाने का प्रावधान किया गया ।
- संपादित
कार्यों की सोशल ऑडिट का प्रावधान ।
- उच्च
प्राथमिकता के क्षेत्र में सतत् जिविकोपार्जन कार्यो को नवीन सेक्टर बनाया जाकर
शामिल किया गया ।
- कृषि उत्पादों
के संग्रहण, भण्डारण एवं प्रसंस्करण ईकाई को
प्रोत्साहन ।
- खाद्य
प्रसंस्करण, लघु वनोपज, एवं
वनोषधि प्रसंस्करण को प्रोत्साहन ।
- कृषि के उन्नत
तकनीकों को प्रोत्साहन, किसान बाजार
एवं किसान उत्पादक संगठन के कार्यों को बढ़ावा ।
- खनन
प्रभावित वनअधिकार पट्टाधारिकों के जीवन स्तर में सुधार एवं जीविकोपार्जन के उपाय
।
- पशुओं का
नस्ल सुधार, गोठान विकास से संबंधित कार्य ।
- अधोसंरचना
कार्यो में अधिकतम 20 प्रतिशत की राशि उपयोजित ।
- सांस्कृतिक
मूल्यों का संरक्षण, युवा गतिविधियों को बढ़ावा जैसे महत्वपूर्ण
सेक्टरों का सामावेश किया गया है।
- शिक्षा के
क्षेत्र में प्रत्यक्ष प्रभावित क्षेत्रों के बच्चों को उच्च शिक्षा
प्रतियोगिता परीक्षा हेतु शासकीय संस्थाओं में शैक्षणिक आवासीय शुल्क का
प्रावधान ।
- स्वास्थ्य
के क्षेत्र में शासकीय चिकित्सालय में सुविधाओं का उन्न्यन ।
- सौर उर्जा
आधारित पेयजल परियोजनाओं को प्रोत्साहन ।
- लघु सिंचाई
एवं सतत सिंचाई संबंधित कार्यो को प्राथमिकता ।
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CGDMF नियमन हेतु व्यस्थापक
पदाधिकारी:-
न्यास के
कार्यों को नियमन करने के लिए प्रत्येक जिले में व्यस्थापक द्वारा न्यासियों
की नियुक्ति की गई है । न्यास में शासी परिषद् एवं प्रबंधकारिणी समितियां कार्यरत
है
में जिले के प्रभारी मंत्री पदेन अध्यक्ष,- जिले के
समस्त विधानसभा सदस्य पदेन सदस्य एवं - जिले के कलेक्टर पदेन सदस्य सचिव है ।
- 3
खनिज रिसायतधारी, - 2 सरपंच एवं
- प्रभावित क्षेत्र के ग्राम
सभा के 10 सदस्यों का नामांकन कलेक्टर द्वारा किया गया है।
Chhattisgarh DMF का प्रबंधन:-
न्यास के
कार्यो के प्रबंधन, दिन आधार पर प्रबंधकारिणी समिति
द्वारा की जा रही है । प्रबंधकारिणी के पदेन अध्यक्ष कलेक्टर एवं पदेन सचिव मुख्य
कार्यपालन जिला पंचायत है । इस समिति में शासकीय विभागों के जिला प्रमुख इसके पदेन
सदस्य के रूप में नामित हैं ।
समस्त
जिलों क न्यासयों के समग्र प्रबंधन के लिए नीति व्यापक रूप रेखा निर्धारित करने
की लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय निगरानी समिति का गठन किया
गया है।
Chhattisgarh DMF का क्षेत्रवार
उपयोग :-
उपरोक्त
निधि का कम से कम 60 प्रतिशत राशि उच्च प्राथमिकता के क्षेत्रों में उपयोजित की
जायेगी । जैसा कि प्रभावित व्यक्तियों एवं ग्रामों के पेयजल, पर्यावरण
संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण उपाय, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, महिला एवं
बाल कल्याण , बच्चों , वृद्ध और
नि:शक्तजन के कल्याण , कौशल विकास, स्वच्छता, सतत्
जीविकोपार्जन एवं रोजगार की आवश्यकता एवं उत्थान हेतु किया जायेगा । इसके
अतिरिक्त न्यास निधि के शेष 40 प्रतिशत राशि भौतिकी संरचना, सिंचाई, उर्जा और जल
विभाजक विकास, सार्वजनिक परिवहन, सांस्कृतिक
मूल्यों का संरक्षण, युवा गतिविधियों को बढ़ावा एवं राज्य
सरकार द्वारा समय-समय पर निदेर्शित अधोसंरचनाकार एवं चिकित्सक नर्सो एवं
शिक्षिकों की आवश्यकता की पूर्ति भी इस मद से की जा सकेगी ।
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