गौरेला पेन्ड्रा मरवाही जिला(GPM) ! Gaurela pendra marwahi News today
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गौरेला पेन्ड्रा मरवाही जिला (GPM) 10 फरवरी 2020 से अस्तित्व में आएगा। बिलासपुर जिला का विभाजन कर बन रहे इस जिले के गठन के साथ ही राज्य में जिलों की संख्या 27 से बढ़कर 28 हो गयी है।
गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला का नक्शा
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गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला(GPM) निर्माण एवं अधिसुचना
नवगठित गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला(GPM) 10 फरवरी 2020 को अस्तित्व में आ गया । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा विधिवत् जिले का शुभांरभ किया गया । नवगठित गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला(GPM)के अस्तित्व में आने के साथ ही प्रदेश मे जिलों की संख्या 28 हो गई है । मुख्यमंत्री भुपेश बघेल ने 15 अगस्त 2019 को स्वतंन्त्रता दिवस के राज्य स्तरीय समारोह में गौरेला–पेन्ड्रा–मरवाही जिले(GPM)की घोषणा को थी , घोषणा के अनुरूप छत्तीसगढ़ राजपत्र में नई जिले की अधिसूचना 20 सितम्बर 2020 को प्रकाशित कर दी गई है।
gaurela pendra marwahi districts |
इसके साथ ही बिलासपुर संभाग में अब 6 जिले हो गये हैं और बिलासपुर से तीन तहसील अलग हो गये हैं । इसकी सीमाएं भी निर्धारित कर दी गई हैं। उत्तर में कोरिया जिले के मनेन्द्रगढ़ तहसील दक्षिण मे बिलासपुर जिले की कोटा तहसील, पूर्व में कोरबा जिले की कटघोरा तहसील तथा पश्चिम में मध्यप्रदेश के अनूपपूर जिले के सोहागपुर और तथा पुष्पराजगढ़ तहसील में इसकी सीमा समाप्त होगी।
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गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला का इतिहास
भौगौलिक स्थिति के कारण चार दशक से इसे अलग जिला बनाने की मांग होती रही है। मध्यप्रदेश विधानसभा में तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद शूक्ला की पहल पर पेन्ड्रारोड को जिला बनाने का प्रस्ताव पारित किया गया था और इसके बाद तीन जुलाई 1998 को राजपत्र में जिला बनाने की अधिसूचना प्रकाशित भी की जा चुकी थी। जिले के नामकरण गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला (GPM)के नाम से जाना जायेगा।
गौरेला–पेन्ड्रा–मरवाही (GPM)समाचार:-
गौरेला पेंड्रा मरवाही जिलाक्षेत्र पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखता हैं छत्तीसगढ़ का प्रथम समाचार पत्र छत्तीसगढ मित्र का प्रकाशन मासिक पत्रिका के रूप में पेन्ड्रा से वर्ष 1900 में पंडित माधवराव सप्रे के संपादन में प्रकाशित हुआ था। यह क्षेत्र प्राकृतिक संसाधनों से भरा-पूरा है।
खनिज संपदा और औषधीय पौधे यहां की पहचान है। यहां के विष्णुभोग चावल की महक पूरे देश में फैली है। गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला दूरस्थ वनांचल में स्थित है। गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला में पूर्णता अधिसुचित क्षेत्र हैं आदिवासी बहुल एंव विशेष पिछड़ी जनजाति तथा बैगा जनजाति के हितों के संवर्धन एवं विकास में मदद मिलेगा।