विश्व हृदय दिवस 2023 ! world heart day in hindi
हर साल विश्व हृदय दिवस (world heart day) 29 October को पूरे दुनिया में
मानाया जाता हैं।
विश्व हृदय दिवस (world heart day) के अवसर पर हमारे हृदय (Heart) या दिल को कैसें
स्वस्थ रखा जा सकता हैं। एवं हृदय (Heart) की बिमारी के क्या
लक्षण है साथ ही हृदय (Heart) कैसें कार्य करता
हैं इस पर विचार प्रस्तुत किये गये हैं।
हृदय (Heart) से संबंधित बिमारी
के लक्षण-
- सीने में दर्द Anginal pain
- सांस का फूलना breathlessness od Dyspnea
- चक्कर आना या मूर्छित होना।
- शरीर में सूजन
- थकान
हृदय (Heart) को स्वस्थ्य
कैंसे रखें-
हृदय (Heart) के
बचाव के लिए जीवन शैली एंव खान पान में बदलाव की प्रमुख भूमिका है।
- धूम्रपान का त्याग,
- नियमित व्ययाम (कमसे कम 20 मिनट
सप्ताह में तीन बार ) - मोटापा कम करके आदर्श शारीरिक वजन
प्राप्त करना, - खाने में ताजे फलों एवं सब्जियों
का उपयोग करना - भोजन में संतृप्त वसा एंव कोलेस्ट्राल
युक्त् भोजन पदार्थों काम उपयोग करना ।
हृदय (Heart) कैसें कार्य करता हैं।
ह्दय पसलियों के पीछे स्टर्नम बोन केमध्य बायीं तरफ स्थित होता हे। ह्दय शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है। जो पूरे शरीर को शुद्ध रक्त देता है एवं पूरे शरीर का अशुद्ध रक्त ग्रहण कर फेफड़े तक शुद्ध होने के लिए पहूंचाता है। हृदय (Heart) एक झिल्ली के आवरण से घिरा होता है जिसे पेरिकार्डियम कहते हैं/ पेरिीकार्डियम का दो स्तर होता हैं। बाहरी स्तर को बाह्य पेरिकार्डियम ओर भीतरी स्तर को अन्त: पेरिकार्डियम कहते हैं। दोनों के मध्य एक द्रव भरा होता है जिसे पेरिकार्डियल द्रव कहते हे। ये झिल्ली एंव द्रव हृदय (Heart) आघातों एंव घर्षण आदिसे सुरक्षित रखता है। ह्दय पम्प की तरह कार्य करता है। हृदय (Heart) में चार कोष्ट होते हैं। दो कोष्ट बाएं तरफ और दो कोष्ट दाएं तरफ होते हैं ।
दाहिना भाग फोफड़े में रक्त संचार करता है जबकि बायां भाग शेष शरीर में रक्त संचार करता है। दाहिने भाग का कोष्ठ जो शरीर से दूषित रक्त इकट्ठा करता है, उसे दायां आट्रियम कहते हैा उसके नीचे दूसरा दाहिना कोष्ठ जो दूशित रक्त् को फेफडें मे भेजता है दायां वन्ट्रिकिल कहते हैं । इन दोनों कोष्ठों के बीच में एक वाल्ब होता है जिसे ट्राइकस्पिड वाल्व कहते है ंजो रक्त् को दाएं आट्रियम से दाएं वेन्ट्रिकिल में आने तो देता है किन्तु वापस जाने नहीं देता हैफ इन दोनो कोष्ठक के समानान्तर बाएं तरफ भी दो कोष्ठक होते हैं जिसमें उपर वाले कोष्ठक को बायां आट्रियम तथा उसके नीचे वाले कोष्ठक को बाया वेन्ट्रिकिल कहतेहै।
बायां आट्रियम फेफड़े से शुद्ध रक्त लेकर बाएं वेन्ट्रिकिल को देता है तथा बायां वेन्ट्रिकिल विभिन्न वाहिकाओं से शुद्ध रक्त पूरे शरीर को पहुंचा है । दोनों कोष्ठकों के बीच में एक वाल्व होता है जिसे माइट्रल वाल्व कहते हैं। जौ रक्त को बायें वेन्ट्रिकिल से रक्ता धमनियों के माध्यम से पूरे शरीर को पहूंचा है। कोरोनरी धमनी तीनों भागों में बटकर हृदय (Heart) की मांसपेशियों को रक्त पहूंचाती हैं।