समाचार
पत्रों का महत्त्व पर निबंध
! Importance of Newspaper ! Essay on newspaper in hindi




दोस्‍तों
इस सदी में मिडिया की भूमिका सर्वाधिक प्रभावशाली हैं मिडिया या समाचार पत्रों के
माध्‍यम से कोई भी विशेष मुद्दे पर प्रकाश डाल कर बहुत बड़ा आंदोलन से लेकर
शांतिपूर्ण वार्ता किया जाता है न्‍याय
, ज्ञान, जानकारी, समसामयिक
घटनाओं एवं मनोरंजन की पूर्ति की जाती हैं। समाचार पत्रों का महत्त्व इस दौर में
कहने की जरूरत नहीं यह चारों ओर दिखता ही है । इस पोस्‍ट में समाचार पत्रों का
महत्त्व निबंध की व्‍याख्‍या की गई है समाचार पत्रों का महत्त्व पर प्रकाश डाला
गया है समाचार पत्रों की शुरूआत
, भारत
में समाचार पत्रों का महत्त्व एवं इतिहास पर विस्‍तार से निबंध के माध्‍यम से
समाचार पत्रों का महत्त्व को समझाया गया है निश्‍चीत रूप से समाचार पत्रों का
महत्त्व
,
समाचार पत्रों 
की उपयोगिता
, आदि प्रकार के निबंध
के लिए यह लेख आपको अवश्‍य मदद पहुचायेगी। 

समाचार पत्रों का महत्त्व निबंध ! Importance of Newspaper ! Essay on newspaper in hindi



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समाचार
पत्रों का महत्त्व पर निबंध रूपरेखा-

  1. प्रस्‍तावना
  2. समाचार पत्र
  3. इतिहास एवं विकास
  4. महत्व एवं उपयोगिता
  5. निष्‍कर्ष 

प्रस्‍तावना
(समाचार पत्रों का महत्त्व)-

वर्तमान
युग विज्ञान का युग है और विज्ञान ने रेडियो
,  ट्रांजिस्‍टर, टेलीविजन
एवं इंटरनेट के माध्‍यम से सारे संसार को एक सूत्र में बांधने का प्रयास किया है ।
कुछ भी हो
, समाचार प्रेषण के यह सारे
माध्‍यम है यद्यपि अपने स्‍थान पर महत्‍वपूर्ण हैं लेकिन समाचार पत्रों का महत्त्व
का अपना ही स्‍थान है। सवेरा होते ही चाय का प्‍याला लिए यदि आंखों के सामने
समाचार पत्र न होतो ऐसा लगता है जैसे जीवन अधूरा है। अन्‍य माध्‍यमों की अपेक्षा
समाचार पत्रों की अलग विशेषता यह है कि भांति भांति के रोचक समाचारों से युक्‍त
अलग अलग पृष्‍ठ निश्‍चित
 होते हैं, घर में जब कई लोग अखबार पढ़ने वाले होते हैं तो यही छीना झपटी मचती है कि
कौन पहले पढ़ेगा
, किसकी रूचि
 किस कॉलम में है, कभी कभी तो समाचार पत्र का शौकिन समाचार पत्र को छीपाकर रखता है
ताकि उसे मौका मिले तो वह सबसे पहले समाचार पत्र को पढ़ डाले।

मानव जानना चाहता है कि देश के ही नहीं अपितु संसार के
किस कोने में क्‍या हो रहा है
?व्‍यापार जगत के विषय में नये नये भावों के उतार चढ़ाव
देखता है तो समाशास्‍त्री समाज की दृष्टि से समाचार ढ़ूढता है
, साहित्यिक
रूचि
 वाला आज
की रचनाओं में रचनाकारों के विषय में जानना चाहता है और जिस व्‍यकित की राजनीति
में रूचि
 है वह तो
समाचार पत्र को पूरा ही पढ़ के चाट डालता है। कि किस पार्टी के लीडर ने क्‍या कहा
, किस तरह
से खंडन किया गया
? किस पार्टी की कौन सी कमजोरी है, आदि बातों को लेकर
समाचार पत्र उसके लिए एक चटपटा मसाला होता है।

समाचार पत्र

प्रजातंत्र प्रणाली में समाचार पत्रों का महत्त्व बहुत
ही बढ़ गया है। क्‍योंकि समाचार पत्र को यह अधिकार है कि वह दश में घटने वाली हर
घटना को वास्‍तविकता का ध्‍यान रखते हुए अपने दृष्टिकोण से उचि

या अनुचित ठहरायें या जनता पर छोड़ दे कि यह ठीक हुआ या गलत
? समाचार पत्रों में
आजकल विशेष रूप से राजनैतिक उठा पटक अपराध
, भ्रष्‍टाचार से
सम्‍बधित समाचार ही अधिक रूचि
से पढ़े जाते हैं । समाचार पत्रों के लिए
संवाददाता स्‍थान स्‍थान से संवाद एकत्र करके लाते हैं। उसकी बाकायदा स्‍टोरी
बनायी जाती है। सच्‍ची घटना को भी आवश्‍यकता से अधिक सच्‍ची और मामूली घटना को भी
चटपटा मासालेदार बनाकर छापते हैं। समाचार पत्र आजकल विशेष रूप से शासक व शासित के
बीच सेतु का कार्य करते हैं। चाहे वे कोई सरकारी समाचार पत्र हो या निजी
, उसका मूल उद्येश्‍य
यही रह गया है एक समय था जब एक देश के निवासी दूसरे देशके समाचार जानने के लिए
सालों तक भटकता था।

समाचार पत्रों के कई भागों होते हैं जैसे मुख्‍य समाचार हेड
लाइन्‍स
, स्‍थानीय
समाचार
, आर्थिक समाचार, खेलकूद आदि।

समाचार पत्रों का इतिहास एवं विकास-

समाचार पत्रों का पहला उदय इटली मे हुआ। इटली के वेनिस
नगर में 13 वीं शताब्‍दी में उसका आरम्‍भ हुआ। जनता ने इसकी उपयोगिता एवं महत्त्व
का सिद्धांत को अनुभव किया । 17वीं शताब्‍दी में भी इसका प्रचार हुआ। 18 वीं शताब्‍दी
में अंग्रेजों ने भारतवर्ष में पर्दापण किया। देश में कोई ऐसा साधन नहीं था। जिससे
हम अपनी बात अपनोंतक ला सकें तब भारतवर्ष में भी समाचार पत्रों का विकास शुरू
हुआ।  अंग्रेजों द्वारा समाचार पत्रों का
भारत में आरम्‍भ ईसाई धर्म फैलाने के उद्येश्‍य से ही किया गया । उन्‍होंने समाचार
दर्पण नामक प त्र निकाला। उससे प्रभावित होकर राजा राममोहन राय ने कौमुदि नामक
पत्र निकाला। ईश्‍वरचंद विद्यासागर ने सफल संचालन किया। इसके बाद देश में समाचार
पत्रों की लोकप्रियता बढ़ने लगी। भिन्‍न भिन्‍न भाषाओं के समाचार पत्र निकले।

भारत में आजादी की लड़ाई में समाचार पत्रों का बहुत बड़ा
योगदान है। सबसे पहले छापे की मशीन
, मशीनमैन, कंपोजिटर,
संवाददाता, सम्‍पादक, इतने
लोगों के योगदान एंवप्रयासों से समाचार पत्र छपता था। अब तो सामाचार कम्‍प्‍यूटर
पर टाइपिस्‍ट द्वारा टाइप होने लगे हैं। ऑफसेट मशीनों पर छपते हैं। जिनकी संख्‍या
लाखों में होती है। विदेशों से भी छपने वाले समाचार रेल हवाई जहाज बस आदि के माध्‍यम
से सभी पत्र मिलों तक पहचती है।

समाचार पत्रों का महत्त्व एवं समाचार पत्रों की
उपयोगिता-




  • समाचार
    पत्र में ही रोजगारों या नौकरी की जानकारी दी जाती है। बरेाजगार युवा समाचार
    पत्रों के माध्‍यम से रोजगार ढूंढते हैं।
  • यदि किसी का कोई परिजन खोजाएया घर
    से किसी कारण से कई चला जाये तो समाचार पत्रों
      में
    उसकी तस्‍वीर छपवाकर खोजने में सहायता प्राप्‍त होती है।
  • बहुत से समाचार पत्रों में बच्‍चों के लिए तथा बड़ो के लिए मनोरंजन के
    सामग्री भी प्रकाशित होते है। कहने को समाचार पत्र है लेकिन उसमें कहानियां
    कविता , नाटकचुटकुलेंव्‍यंग्‍य
    लेख भी पढ़ने को मिलते हैं।
  • समाचार पत्रों में रविवार के दिन लड़के लड़कियों के विवाह के लिए वैवाहिकी या
    मैट्रिमोनियल भी निकलते हैं जिनके माध्‍यम से घर पर ही अच्‍छा से अच्‍छा रिश्‍ता
    तय संभव होता है ।
  • समाचार पत्र जीवन का अभिन्‍न अंग है यद्यपि सूचना के क्षेत्र में एक जबरदस्‍त
    क्रांति आयी है लेकिन समाचार पत्र अपने स्‍थान पर ज्‍यों के त्‍यों विराजमान हैं।
    उनका महत्‍व शायद कभी समाप्‍त नहीं हो सकता ।

    निष्‍कर्ष (समाचार पत्रों का महत्त्व)-

    भारत में राष्‍ट्रीय चेतना को सजग बनाने में समाचार पत्रों
    का विशेष योगदान है। हम स्‍वतंत्र हैं और हमारा मस्‍तक गर्व से उंचा है। सामचार पत्र
    हमारा सर्वांगीण विकास करते हैं। आजके  युग
    में हम सब इतने निकट हो चुके हैं कि अपने पड़ोसी को खबर होने से पहले पड़ोसी देश को
    खबर मिल जाती है। साथ ही समाचार पत्रों का दायित्‍व अत्‍यधिक बढ़ गया है अच्‍छा हो
    कि यह समाचार पत्र समाज को ऐसी सामग्री दें जिनसे समाज के लोगों में एक दूसरे के प्रति
    सकरात्‍क विचारधारा का विकास हो। समाचार पत्र की भूमिका आजादी के पहले भी थी और बाद
    में भी रहेगा समाचार पत्रों का महत्त्व हमेशा के लिए रहेगा। अंत में यही कहना चाहिए
    कि समाचार पत्रों का महत्त्व आज के दौर में सर्वोच्‍च हैं समाचार पत्रों को केवल व्‍यवसाय
    का माध्‍यम नहीं बनाना चाहिए।

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