दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा सामान्य ज्ञान dantewada
general knowledge
जिला का गठन– 1998
पुराना नाम – दंतेवाडा़ (2003 में नाम का परिवर्तन)
नया नाम – दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा
मातृ जिला– बस्तर
जिला मुख्यालय– दंतेवाड़ा
सीमावर्ती जिले– बस्तर सुकमा एवं बीजापुर
तहसील 5–
विकासखण्ड–
4 गीदम, दंतेवाड़ा,
कटेकल्याण, कुआकोण्डा
नगर
पालिका परिषद 3 – दंतेवाड़ा, बड़े बचेली,
किरंदुल
नगर
पंचायत– बारसुर, गीदम
विधानसभा
क्षेत्र– दंतेवाड़ा अनुसुचित जनजाति क्षेत्र
क्षेत्रफल- 3,410.50 वर्ग की॰मी..
जनसंख्या – 2,83,479
भाषा तथा बोली – हिन्दी, छत्तीसगढ़ी, गोंड़ी, हलबी
Villages– 234
बैंक–28
सार्वजनिक वितरण प्रणाली–145
कॉलेज / विश्वविद्यालय–6
बिजली–10
अस्पताल–95
नगरीय निकाय–5
गैर सरकारी संगठन–23
डाक–71
स्कूल–1014
ग्राम पंचायत–143
तहसील–5
पुलिस स्टेशन–11
- श्री दीपक सोनी, IAS-कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी 9Dantewada collector)
- डॉ अभिषेक पल्लव, IPS-पुलिस अधीक्षक दंतेवाड़ा
- श्री अश्वनी देवॉंगन IAS-मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत
दंतेवाड़ा
दंतेवाड़ा
दंतेवाड़ा पिन कोड Dantewada Pin Code
- दंतेवाड़ा-494449
- गीदम-494441
- कटेकल्याण-494449
- कुआकोण्डा-494552
- बचेली-494553
- किरंदुल-494556
Dantewada collage list
- एन.एम.डी.सी./डीएव्ही पॉलिटेक्निक महाविद्यालय
गीदम - नीजी कृषि महाविद्यालय दन्तेवाड़ा
- महेन्द्र कर्मा महिला स्नातकोत्तर
महाविद्यालय दन्तेवाड़ा - लाईवलीहुड कॉलेज दन्तेवाड़ा
- शासकीय अरविन्द महाविद्यालय किरन्दुल
- शासकीय दन्तेश्वरी स्नातकोत्तर महाविद्यालय
दन्तेवाड़ा
भू-गार्भिक
शैलक्रम– धारवाड़, चट्टान।
मिट्टी–
प्रमुखत लाल दोमट मिट्टी
मुख्य
खनिज–
- लौह अयस्क, टिन एवं कोरण्डम
- दंतेवाड़ा
लौह अयस्क व टीन के उत्पादन व भण्डारण में अग्रणी।
बैलाडीला
की पहाड़ी–
- लौह अयस्क भंडारण क्षेत्र
- 1968
nmdc द्वारा खनन प्रारंभ किया गया। - एशिया का सबसे बड़ा लौह खदान।
- हमेंटाइट किस्म के लौह अयस्क की प्राप्ति।
- यहां से उत्खनित लौह अयस्क का निर्यात,जापान को विशाखापटनम बंदरगाह
से किया जा रहा है। - बैलाडिला पर प्रदेश की दूसरी तथा दक्षिण छत्तीसगढ़ की सबसे
उंची चोटी नंदरीराज पहाड़ी 1210 मीटर स्थित है।
टिन भंडारण क्षेत्र– भारत का सबसे बड़ा मशीनीकृत खान है।
दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा सामान्य ज्ञान dantewada general knowledge
जावांगा–
- एजुकेशन सिटी गीदम विकसखंड
- अगस्त 2017 में इसका नामकरण पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी
बाजपेयी के नाम पर किया गया।
दंतेवाड़ा– दंतेश्वरी मंदिर स्थित है।
काकतीय वंश शासक अन्न्म देव द्वारा शंखिनी तथ डंकिनी नदी
के संगम पर निर्माण करवाया गया।
बारसुर–
- छिंदक नगावंशीय शासकों की राजधानी
- प्रसिद्ध मंदिर- बत्तीसा मंदीर
- मामा भांजा मंदिर
- विशाल गणेश प्रतिमा गणेश
- चन्द्रादितेश्वर मंदिर
- चन्द्रादित्य समुद्र नामक सरोवर
औद्योगिक क्षेत्र– टेकनार
जलप्रपात–
- सुरतगढ़,जलप्रपात
- मेदनीघूमर जलप्रपात
राष्ट्रीय राजमार्ग– नेशनल हाइवे A गीदम दंतेवाड़ा प्रदेश का सबसे छोटा राष्ट्रीय राजमार्ग
केवल 12 किमी।
केन्द्र सरंक्षित स्मारक–
- बारसूर- चंद्रदित्य मंदिर,गणेश प्रतिमा एवं मामा भांजा
का मंदिर। - दंतेश्वरी मंदिर में रखी प्राचीन प्रतिमाएं
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