प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना छत्‍तीसगढ़ रबी फसलें 202021 हेतु।।PMFBY CHHATISGARH 2020-21

2016 से भारत सरकार ने किसानों की फसल हेतु खरीफ एवं रबी फसल दोंनों
सीजन में बीमा की योजना लागु किया है। वर्तमान में खरीफ फसल हेतु सभी राज्‍यों में
बीमा कार्य संम्‍पन्‍न हुआ है।

2020-21 में रबी फसल हेतु बीमा का संचालन का आदेश जारी हुआ
है- छत्‍तीसगढ़ राज्‍य में कुल 20 जिलों हेतु सरकार ग्राम स्‍तर पर यह योजना के द्वारा बीमा कर रही है-

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना छत्‍तीसगढ़ विस्‍तार से देखें–

योजना में शामिल फसलें– गेंहूं सिंचित, गेहूं असिंचित, सरसों राई, चना,
अलसी ग्राम स्‍तर पर।

लाभकारी जिलें– 

कांकेर, कोंडागांव,
सुकमा, धमतरी, दुर्ग,
बेमेतरा, मुंगेली, महासमुंद,
रायगढ़, जांजगीर-चांपा, सरगुजा,
सूरजपुर, कोरिया, कोरबा,
बलौदाबाजार, बालोद, गरियाबंद,
राजनांदगांव, कबीरधाम, बलरामपुर
में

बीमा कहां से कराये– 

अंतिम तिथी 15 दिसंम्‍बर 2020 से पहले अपने पास
के क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक या राष्‍ट्रीयकृत बैंक शाखा या जिला सहकारी बैंक या
प्राथमिक सहकारी समितियां या लोक सेवा केन्‍द्र 
या भारत सरकार की बीमा पोर्टल के माध्‍यम से ।

 बीमा पोर्टल–www.pmfby.gov.in

 जानकारी कहां से ले सकते हैं–

कृषि अधिकारी या राजस्‍व अधिकारी आर आई
या बैंक या लोक सेवा केन्‍द्र एव ए
.आई.सी.
क्षेत्रीय या जिला या तहसील कार्यालय से

 बीमा कंपनी कौन सी है–

एग्रीकल्‍चर इंश्‍योरेंस कम्‍पनी ऑफ इंडिया लिमिटेड इसका क्षेत्रीय कार्यालय
— प‍ंडरी रायपुर एवं प्रधान कार्यालय पूर्व किदवई नगर नई दिल्‍ली है।

 जरूरी कागजात– 

                             बीमा हेतु प्रस्‍ताव पत्र

                             नया
भूमि प्रमाण पत्र बी-1
, पी-2            

                             फसल
बुआई प्रमाण पत्र
,

                             नया
बैंक जारी पासबुक की फोटोकापी,

                            आधार कार्ड की फोटोकापी अनिवार्य है,

नोट- बैंक के खाता से आधार कार्ड लिंक होना अनिवार्य या 15 दिसंम्‍बर
2020 के पहले अवश्‍य करवाये।


 बीमा राशि का विवरण–

निम्‍न आधार पर हुये नुकसान पर बीमा राशि मान्य
होगा।

उपर
उल्‍लेख स्‍थान के आधार पर

केवल चना फसल के लिए लागू,मौसम खराब
होने के कारण खेत के 75 प्रतिशत क्षेत्र में यदि बुआई न हो पाई तो बीमा राशि का
अधिकमत 25 प्रतिशत तक क्षतिराशि देय होगा।

बड़े
स्‍तर पर
– प्राकृतिक विपदाओं के कारण उपज फसल में होने वाले नुकसान की पहचान फसल
कटाई प्रयोग द्वारा किया जाएगा।

फसल कटाई प्रयोगCCE— इस विधि से बीमा दावा
का निर्धारण उस ग्राम एवं फसल में पटवारी  एवं
ग्रामीण कृषि विस्‍तार अधिकारी के द्वारा फसल कटाई योजना से प्राप्‍त कुल सही उपज का
निर्धारित थ्रेशहोल्‍ड उपज से तुलना उपरांत बीमा कंपनी द्वारा दिया जाएगा। इसका अर्थ
है कि जितना प्रतिशत उपज में कमी आती है
, उतने मान से राशि प्रदान
किया जाता है

व्‍यकिगत
खेत के आधार पर-

स्‍थान विशेष की समस्‍याऐ जैसे बादल फटना, ओलावृष्टि, जलप्‍लावन, गाज या
बिजली के कारण खड़ी फसल का नुकसान हो तो बीमा राशि देय होगा।

फसल
कटाई के बाद नुकसान
– 

चक्रवात, चक्रवाती वर्षा एंव ओला
वृष्टि
, बेमौसम वर्षा के कारण खेत के कटी और सुखाने के लिए
फैली हुई फसल का नुकसान ( 14 के अंदर ) ।


किसान द्वारा देय प्रीमियम दर– बीमित राशि का — 1.5 प्रतिशत

प्रमुख दिनांक —

किसान ऋणी एवं अऋणी को बीमा कराने की अंतिम तिथि — 15 दिसम्‍बर 2020

प्रस्‍ताव प्राप्‍त करने तथा प्रीमियम कटौती करने की  अंतिम तिथी– 15 दिसम्‍बर 2020

किसान के विवरण को पोर्टल में अपलोड करने की अंतिम तिथी–30 दिसम्‍बर
2020

पोर्टल द्वारा ही चालान को Pay-Gov के माध्‍यम
से प्रीमियम भेजने की अंतिम तिथी–30 दिसम्‍बर 2020

 प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को और जानने के लिए PDF click को करें 

आशा करता हूं कि यह जानकारी आप के काम जरूर आयेगी। हमें बताऐ।👇👇👨👨


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