वायु प्रदूषण-




वायु प्रदूषण क्या
है (
vayu pradushan kise kahate hain)-

हवा की सामान्‍य
रासायनिक संगठन में बदलाव जो कि प्रकृति के लिए हानिकारक है।

1990 आंकड़े के
अनुसार – दिल्‍ली पहला भारतीय राज्‍य क्षेत्र जो कि वायु प्रदूषण के मामले में
  विश्‍व का चौथे स्‍थान पर है।

वायु प्रदूषण का
कारण (
vayu pradushan ke karan)-

  • स्‍वचालित वाहन-

डीजल के धुएं में
कार्बन मोनोआक्‍साइड
कार्बन डाइऑक्‍साइडसल्‍फर डाइ ऑक्‍साइडनाइट्रोजन एवं सल्‍फर आदि पाई जाती
हैं। जो की स्‍वचालित वाहन से होने वाले वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण है।

  • ईन्‍धन का जलना-

उद्योगकारखानें आधारित रसायन जैसे हाइड्रोक्‍लोरोरिक
ऐसिड
क्‍लोरिननाइट्रोजन ऑक्‍साइडकॉपरलेडआर्सेनिकजिंक आदि।

  • बिजली के जनरेटर-

बिजली के निर्माण
करने वाला
  जनरेटर जो कि हानिकारक वायु एवं ध्‍वनि
प्रदूषक हैं।

  • परमाणु परीक्षण-
  • अन्‍य कारक-

जैसें की वायुयान जहाजराकेटस्‍प्रेपेंटवार्निश दावानल।

वायु प्रदूषण का
हानिकारक प्रभाव-




  • कार्बन मोनो आक्‍साइड
    थकान
    रक्‍त की ऑक्‍सीजन वहन क्षमता।
  • सल्फर डाइ आक्‍साइड
    सिरदर्द
    उल्‍टीवक्ष संकुचन (2.5ppm)
  • नाइट्रोजन के आक्‍साइड
    फेफड़ो पर बुरा प्रभाव
    पक्ष्‍माभिकाएं निष्क्रिय।
  • हाइड्रोजन सल्‍फाइड
    आंख
    गले में जलनमतली आना।
  • नाइट्रोजन
    हाइड्रोजन
    – श्‍वसन सम्‍बन्‍धी विकार।
  • सूक्ष्‍म कण– 2.5
    माइक्रो मिटर से कम जो कि फेफड़ो में उत्‍तेजना
    अकाल मृत्‍यु।

नोट- CPCB Central Pollution Control Board के अनुसार 2.5 माइक्रोमीटर से कम व्‍यास
वाले कण मानव स्‍वास्‍थ्‍य के लिए अत्‍यन्‍त बहुत ज्‍यादा हानिकारक हैं।

वायु प्रदूषण का
नियंत्रण-

  • वाहनों में उत्‍प्रेरक
    परिवर्तक के प्रयोग से वायु प्रदूषण का नियंत्रण किया जाता है।
  • दो गेयर वाले
    वाहनों के स्‍थान पर चार गेयर वाले वाहनों का प्रयोग किया जाना चाहिए।
  • CNG (Compressed Natural Gas) का प्रयोग कर ।
  • मानक ईंधन
    पेट्रोल डिजल का प्रयोग करके – पेट्रोल डीजल में गंधक या सल्‍फर व एरोमेटिक की
    मात्रा कम करके।
  • EURO-II मानक के अंतर्गत गंधक या सल्‍फर की
    मात्रा 350
     ppm  150 ppm होनी चाहिए।
  • एरो‍मेटिक
    हाइड्रोकार्बन 42 प्रतिशत तक सीमित होनी चाहिए।
  • वर्तमान में BS-VI 2020 से लागू।
  • कानूनों का सख्‍ती
    से पालन करवाकर।
  • स्थिर वैद्युत
    अवक्षेपित्र द्वारा। कण प्रदूषक 99 प्रतिशत तक कम हो जाते है।
  • मार्जक Scrubber द्वारा SO2 गैस को हटाता है।

 

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