छत्तीसगढ़
की जलवायु chhattisgarh ka bhugol
एक
लम्बी अवधि तक पृथ्वी और वायुमण्डल के मध्य ऊर्जा और द्रव्यमान के विनिमय की
प्रक्रिया से जिस परिस्थिति का निर्माण होता है, उसे हम जलवायु कहते हैं। प्राकृतिक वातावरण में जलवायु एक महत्वपूर्ण तत्व
है। मनुष्य अपने को पृथ्वी के एक जीवधारी के रूप में समझता है, पर परन्तु वह वायुमण्डलीय रूपी गहरे समुद्र की तली पर निवास कर रहा है।
⦿छत्तीसगढ़
की जलवायु climate of chhattisgarh को अक्षांश, सापेक्षिक स्थिति,
तापमान, विकिरण की मात्रा, वायुदाब, हवाओं की दिशा, सापेक्षिक
एवं विशिष्ट आर्द्रता, संघनन, वाष्पीकरण,
चक्रवात एवं प्रतिचक्रवात, प्रभावित करते हैं,
की जलवायु को मानसुनी जलवायु कहते हैं।
गुजरती है जिसके कारण मार्च की 15 जून तक अधिक गर्मी पड़ती है। अत: यहां की जलवायु
को उष्ण कटिबन्धीय मानसुनी जलवायु कहते हैं।
छत्तीसगढ़
की जलवायु को 3 भागों में विभक्त किया जाता है–
- 1-ग्रीष्म
ऋतु (16 जनवरी से 15 जून) - 2-वर्षा
ऋतु (16 जून से 15 अक्टूबर) - 3-शीत
ऋतु (16 अक्टूबर से 15 फरवरी)
1-छत्तीसगढ़ में ग्रीष्म
ऋतु (16 जनवरी से 15 जून)—
उत्तरी गोलार्ध में स्थित हैं जिसके कारण मार्च के बाद तापमान में वृद्धि प्रारंभ
हो जाती है।
से 15 जून त क प्रदेश में तापमान अधिक रहता है।
में गर्म एवं शुष्क हवायें चलती हैं जिन्हें ”लू” कहते हैं। प्रदेश के उंचे भागों पर लू का
प्रकोप नहीं होता है।
तापमान
–
वृद्धि प्रारंभ होती है जो वर्षा ऋतु के आगमन के पूर्व तक बढ़ती जाती है। जैसे –
रायपुर का औसत तापमान 34.7 0C रहता है जबकि जून माह में तापमान बढ़कर 42.3 0C हो जाता है। रायगढ़ का तापमान मार्च महीना में 35.7 0C रहता है जो मई के महीने में बढ़कर 42.8 0C हो जाता है।
में मार्च में 16 0C, अप्रैल में 14 0C, तथा मई में 13 0C रहता है। मई माह में सर्वाधिक तेज गर्मी पड़ती है। 29
मई 1935 को रायपुर का तापमान 47.2 0C था। 22 मई 1948 को चांपा का तापमान 47.2 0C था। 3 जून 1953 को रायगढ़ का तापमान 47.2 0C था।
वर्षा–
⦿ग्रीष्म ऋतु में वर्षा बहुत कम होती है। दण्डकारण्य
में 85 मि0मी0 वर्षा होती है।
⦿वर्षा के कुल दिवस 22 हैं। छत्तीसगढ़
में मात्र 8 से 10 मि0मी0 वर्षा होती है।
⦿बघेलखण्ड में 73 मि0मी0 वर्षा होती है।
ग्रीष्म ऋतु में स्थानीय मौसम के कारण कभी-कभी शाम को वर्षा हो जाती है।
2-छत्तीसगढ़ में वर्षा
ऋतु (16 जून से 15 अक्टूबर)-
⦿इस अवधि में प्रदेश में वर्षा अधिक होती है अत: इसे
वर्षा ऋतु कहते है।
⦿प्रदेश की औसत वर्षा का 90प्रतिशत इसी अवधि में होती है।
⦿ग्रीष्म ऋतु की तेज गर्मी के कारण अरब सागर और बंगाल की खाड़ी उच्च वायु दाब से
मानसूनी हवायें वेग के साथ तेजी से आगे बढ़ती हैं।
⦿आकाश कपासी बादलों से ढ़कने
लगता है और 16 जून के पश्चात वर्षा प्रारम्भ हो जाती हैं जिससे वातावरण शीतल हो
जाता है।
तापमान
–
⦿वर्षा ऋतु के प्रारंभ से ही तापमान कम होना प्रांरंभ हो जाता है। जुलाई से अक्टूबर
तक छत्तीसगढ़ का औसत अधिकतम तापमान 30.24 0C रहता है।
⦿रायपुर, रायगढ़ और चांपा में इस अवधि का
अधिकतम तापमान लगभग 300C से 310C रहता है। अम्बिकापुर और कांकेर का अधिकतम तापमान 29 0C के आसपास रहता है।
⦿जगदलपुर और पेन्ड्रा रोड का तापमान 28 0C के आसपास रहता है।
⦿वर्षा ऋतु का औसत निम्नतम तापमान 22.71 0C रहता है। जो प्रदेश की अधिकतम की तुलना में 7.530C कम है।
⦿जुलाई से सितम्बर माह का औसत तापान्तर लगभग 6 के आसपास रहता है
किन्तु अक्टूबर माह में यह अंतर बढ़कर 90C से
11 0C तक हो जाता है। क्योंकि अक्टूबर माह में
रात्रि के तापमान में अधिक गिरावट पाई जाती है।
वर्षा–
⦿16 जून से 15 अक्टूबर तक प्रदेश में वर्षा होती है।
⦿इस अवधि में कुल वर्षा का 90
प्रतिशत हो जाती है शेष 10 प्रतिशत वर्षा वर्ष
के 8 महीनों में होती है। इस अवधि में प्रदेश में दक्षिण–पश्चिम मानसूनी हवाओं से वर्षा होती है।
⦿ऊंचे पर्वतीय क्षेत्रों में
सर्वाधिक वर्षा होती है जैसे पूर्वी दण्डकारण्य, महानदी के
मैदान का उच्च भू-भाग , पूर्वी जशपुर प्रदेश तथा पूर्वी
बघेलखण्ड में वार्षिक वर्षा 1600 मि0मी0 से अधिक होती है। जुलाई और अगस्त माह
में कुल वर्षा का 60प्रतिशत तथा सितम्बर और अक्टूबर में कुल वर्षा का 30प्रतिशत
होती है।
⦿छत्तीसगढ़ में सर्वाधिक वर्षा के दो प्रमुख क्षेत्र है – जशपुर का
पूर्वी भाग, रायगढ़ बेसिन जिसमें वार्षिक वर्षा 1600 मि0मी0
से अधिक है।
⦿प्रदेश की वर्षा में विषमताएं अधिक पाई जाती हैं। कभी–कभी एक दिन मे बहुत अधिक वर्षा हो जाती है।
⦿इस ऋतु में प्रदेश में 1280
मि0मी0 औसत वर्षा होती है। लेकिन प्रदेश में वर्षा का वितरण समान नहीं है।
⦿छत्तीसगढ़
में 1000 मि0मी0 से 1500 मि0मी0 तक वर्षा होती है।
⦿प्रदेश के पूर्वी भागों में
जहां मानसूनी हवायें पर्ततों से टकराती हैं वहां सबसे अधिक वर्षा लगभग 1600 मि0मी0
तक होती है।
⦿जहां वृष्टि छाया क्षेत्र है वहां वर्षा लगभग 1000मि0मी0 के आसपास
होती हैं।
वायुदाब–
⦿वर्षा ऋतु में वायुदाब की स्थति में परिवर्तन होता है ।
⦿सितम्बर माह में जगदलपुर
के उत्तरी भाग से 1008 मि0बा0 की रेखा गुजरती है जबकि उत्तर में अम्बिकापुर के
आसपास 1006 मि0बार वायुदाब की रेखा होती है।
⦿इस अवधि में धीरे-धीरे शीत ऋतु के
आगमन की प्रक्रिया प्रारम्भ होती है।
आर्द्रता
–
⦿मानसून की अवधि में आर्द्रता बादलों से ढ़के होते हैं। दोपहर बाद बादल अधिक आते
हैं। छत्तीसगढ़ में सर्वाधिक वर्षा बंगाल की खाड़ी से उठने वाले चक्रवातों से
होती है।
⦿कभी-कभी ये चक्रवात रायगढ़ बेसिन,जशपुर
अथवा महानदी घाटी से जिससे यहां लगातार वर्षा दो तीन दिनों के लिये स्थिर हो जाती
है।
3-छत्तीसगढ़ में शीत
ऋतु (16 अक्टूबर से 15 फरवरी)–
⦿यह शीतल शुष्क
और सुहावनी होती है। अक्टूबर माह में वर्षा समाप्त हो जाने के बाद प्रदेश के
तापमान में गिरावट प्रारंभ हो जाती है।
⦿23 सितम्बर से सूर्य की स्थति दक्षिणायन
हो जाती है जिसके परिणामस्वरूप उत्तरी गोलार्ध में सूर्य की किरणें तिरछी पड़ती
हैं।
⦿पृथ्वी को सौर ऊर्जा की प्राप्ति कम होती है। दिन की अवधि छोटी और रात्रि
लम्बी होती है।
⦿इस अवधि में पठारी भागों में पाले का प्रभाव देखने को मिलता है।
⦿दिसम्बर
का माह सबसे ढंडा होता है।
तापमान
–
⦿शीत ऋतु में 22 दिसम्बर को सूर्य किरणें मकर रेखा पर सीधी पड़ती है। जिसके कारण
उत्तरी गोलार्ध में शीत ऋतु और दक्षिण गोलार्ध में ग्रीष्म ऋतु होती है।
⦿दिसम्बर
माह में रायपुर का तापमान 27.30 0C,
कांकेर का तापमान 27.10 0C जगदलपुर
का तापमान 27.40 0C, अम्बिकापुर
का तापमान 24.20 0C तथा रायगढ़ का सर्वाधिक तापमान
28.40 0C अधिकतम औसत रहता है।
⦿दिसम्बर माह में अम्बिकापुर
का औसत निम्नतम तापमान 80C , पेन्ड्रा रोड का तापमान 10 0C, कांकेर और
जगदलपुर का 11 0C के आसपास तथा जांजगीर –चांपा और रायगढ़ का औसत निम्नतम तापमान 13 0C के आसपास रहता है।
⦿प्रदेश
का शीत ऋतु का अधिकतम औसत तापमान 28.92 0C रहता है तथा इसी अवधि का न्यूनतम औसत तापमान 12.60 0C रहता है।
⦿रायपुर
का सबसे कम तापमान 29 दिसम्बर 1902 को 3.90 0C था। पेन्ड्रा रोड का 2 फरवरी 1929 को निम्नतम तापमान 1.70 0C था।
⦿शीत ऋतु में कभी -कभी शीत लहरें उत्तर भारत से होकर आने वाली पश्चिमी
विक्षोपों के साथ मिलकर प्रदेश के तापमान पर प्रभाव डालते हैं और और ऐसे अवसरों पर
न्यूनमत तापमाान
गिरकर लगभग 30 0C या 40 0C हो जाता है।
⦿सरगुजा, जशपुर के पाट भूमियों पर तापमान
00C से भी नीचे चला जाता है।
वर्षा–
⦿शीत
ऋतु में हवायें उत्तर तथा पूर्व दिशा के मध्य से चलती हैं।
⦿जशपुर में शीत ऋतु में
90 मि0मी0 वर्षा होती है जबकि महानदी बेसिन में 10 मि0मी0 वर्षा होती है।
⦿दण्डकारण्य
में शीतकाल में औसत वर्षा 50 मि0मी0 होती है। पूर्वी बघेलखण्ड में इसी अविध में 80
मि0मी0 वर्षा होती है।
⦿इस तरह शीत ऋतु में कुल वर्षा का मात्र 5% या 6% होती है।
वायुदाब–
⦿शीत ऋतु में प्रदेश में उच्च वायुदाब होता है।
⦿जनवरी में छत्तीसगढ़ के मध्य से 1014 मिली बार रेखा गुजरती है तथा उत्तरी
क्षेत्र में 1016 मिली बार की वायुदाब रेखा होती है।
⦿इसके विपरीत सागरीय क्षेत्रों
में निम्न वायुदाब रहता है। जिसके कारण हवायें स्थल भाग से सागर की ओर प्रवाहित होती
है।
climate of chhattisgarh ।। छत्तीसगढ़ की जलवायु |
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