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bhugol indian geography के महत्वपूर्ण जानकारी पूर्ण सिलेबस के अनुसार notes के रूप में इस पोस्ट पर उपलब्ध है।
भारत का
सामान्य भौगोलिक परिचय (bharat ka parichay)
भारत का नामकरण bharat ka namkaran
भारत का नामकरण bharat ka namkaran
- सर्वप्रथम हिमालय एवं विंध्य पर्वतो के
बीच स्थित भू-भाग को ब्रह्माव्रत अथवा आर्याव्रत कहा जाता था। वैदिक आर्यो का
निवास स्थान सिंधु घाटी में था। - ऋगवेद के अनुसार उस काल में पांच जनो मे से शक्तिशाली
जन भरत के नाम पर इस देश का नाम भारत पड़ा। - वायु पुराण के अनुसार भरत राजा दुष्यंत का
पुत्र था। बौद्ध काल में इस क्षेत्र को जम्बू द्वीप कहा गया। - यूनानी शब्द इण्डोई
के नाम से वर्तमान नाम इण्डिया प्रचलन में आया। रोमवासी सिंधू नदी को इण्डस तथा
इसके आस पास के क्षेत्र को इण्डिया कहते थे।
भारत के उतर पूर्व में हिमालय, दक्षिण पूर्व में बंगाल की खाड़ी, दक्षिण
पश्चिम में अरब सागर, दक्षिण में
मन्नार खाड़ी है। हिन्द महासागर को रत्नाकर
कहा जाता था। भारत के भौगोलिक विस्तार में पाकिस्तान, नेपाल, भूटान, मार, बांग्लादेश जैसे
प्रभुत्व सम्पन्न देश होने के कारण इसे भारतीय उपमहाद्वीप कहा जाता है।
भारत की स्थिति एवं विस्तार (bharat ki stithi aur vistar )
- भारत की आकृति चतुष्कोणीय हैं।
- इसके
पूर्व में इण्डो चीन प्रायद्वीप तथा पश्चिम में अरब प्रायद्वीप स्थित है। - इसका उतर
से दक्षिण में विस्तार 3214 कि.मी. तथा पूर्व से पश्चिम में विस्तार 2933 कि.मी.
है। दोनो के बीच 281 कि.मी. का अन्तर है।
Map |
में पाया जाता है। इसका कुल क्षेत्रफल 32,87,263 वर्ग कि.मी. है। जिसमें पाकिस्तान
द्वारा कब्जाया गया 78,114 वर्ग कि.मी., चीन को प्रदत 5180
वर्ग कि.मी. और चीन द्वारा गैर कानुनी ढंग से कब्जाया गया 37,555 वर्ग कि.मी.
क्षेत्र शामिल है क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत विश्व का सातवां सबसे बड़ा देश है।
भारत विश्व के 2.43% भू भाग पर विस्तृत
है।
विश्व के बड़े देशों की सूची visv ke badhe desho ki suchi
देश
|
क्षेत्रफल
|
रूस
|
170.75
|
कनाडा
|
99.84
|
संयुक्त
|
96.26
|
चीन
|
95.96
|
ब्राजील
|
85.12
|
ऑस्ट्रेलिया
|
76.86
|
अक्षांशो के आधार पर
भारत का
अक्षांशीय विस्तार 80045‘ उतरी अक्षांश
( कैप केमरून, कन्याकुमारी, तमिलनाडू ) से 3706‘ उतरी
अक्षांश(इंदिरा पोल/कॉल, गिलगित, जम्मु कश्मीर)
तक है। भारत का दक्षिणतम बिन्दु 6045‘ उतरी अक्षांश
(पर्सियन पोइंट/पिग्मेलियन पोइंट/ला हि चांग/इंदिरा पोइंट, अण्डमान
निकोबार) है।
अक्षांशीय दृष्टि से भारत उतरी
गोलार्द्ध में स्थित है। भारत का दक्षिणी भाग उष्ण कटिबन्ध में तथा उतरी भाग
उपोष्ण/शीतोष्ण कटिबन्ध में स्थित है।
देशान्तरो के आधार पर
भारत का
देशान्तरीय विस्तार 6807‘ पूर्वी देशान्तर
(गोर माता/गूहार माता, साबरकांठा, गुजरात)
से 97025‘ पूर्वी देशांतर ( किबिथू, वालांगू कस्बा, त्वांग
जिला, अरूणचल प्रदेश) तक विस्तृत है।
भारत की प्रमुख रेखाएं-Bharat ki pramukh rekhaye
इसे भारत का मानक समय रेखा कहा जाता है । भारत का मानक समय विश्व के समय से 5 घण्टे
30 मिनट आगे है।
भारत की सीमाएं (bharat ki simaye)
भारत की कुल सीमा 22,716.6 किमी. है।
जो स्थलीय सीमा (15,200 किमी.) व जलीय सीमा (7516.6 किमी.) दो भागों में विभक्त
है।
भारत की जलीय सीमा को मुख्य रूप से दो भागो में बांटा गया है।
- मुख्य तटीय सीमा (6100 किमी) व
- द्वीपीय सीमा (1416.6 किमी)
IST(
INDIAN STANDARD TIME)
- रेखा भारत के 5 राज्यों से गुजरती है-
- उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडि़सा, व आन्ध्रप्रदेश।
- कर्क रेखा
- कर्क रेखा 23030‘ उत्तरी रेखा भारत के 8 राज्यों में
से गुजरती है। - गुजरात, राजस्थान,मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, पं0बंगाल, त्रिपुरा व मिजोरम।