सर्व कार्य सिद्धि मंत्र ! सिद्ध मंत्र प्रयोग

कहते
है कि जहां से विज्ञान की सीमा खतम होती है वहां से भगवान के चमत्‍कार शुरू होते
है । इस पोस्‍ट में सिद्ध मंत्रों के जाप एवं सिद्ध करने की विधि को बताया गया। कई
बार मंत्रों के प्रयोग करने के बाद भी लाभ नहीं होता तो कही न कही भक्ति के कमी
एवं विधि में असावधनी बरती गई होगी पुन: विधि विधान से नियम से मंत्रों को सिद्ध
करें लाभ अवश्‍य होगा।

sarva karya sidhi mantra 





इस
पोस्‍ट में कन्‍या विवाह हेतु मंत्र
, सुख
समृद्धि एवं शांतिदायक मंत्र
, व्‍यापार वृद्धि यंत्र,
सम्‍पूर्ण रोग नाशक यंत्र , तबादला तंत्र,
क्षमा प्रार्थना मंत्र आदि अनेक एवं नीचे कई प्रकार के जप मंत्र
दिये गये है चलिऐ देखें:-

शीघ्र विवाह प्रयोग 

कई बार लोग पूछते है कि कन्‍या विवाह के लिए किस मंत्र का जाप करें।
जल्‍दी शादी होने के उपाय
 early marriage mantra, quick marriage आदि
ध्‍यान से पढ़े।

आजकल लड़कियों का विवाह बड़ी आयु तक नहीं होने से माता पिता परेशान
रहते हैं। अत: उनके लिए एक अनुभूत प्रयोग दिया जा रहा है। लड़की के शीघ्र
विवाहार्थ मंदिर में कंबलासन पर बैठकर इस
 ”गौरी मंत्र” का
जाप प्रतिदिन प्रात: एंव सायं 3-3 माला लगातार 41-41 दिन के तीन अनुष्‍ठान करें।
प्रत्‍येक अनुष्‍ठान के बाद छोटे लड़के व कन्‍याओं को मीठा भोजन व दक्षिणा के साथ
फल देवे।

मंत्र –

 वलीं हे गौरि शंकरार्धागि यथा त्‍वं शंकर प्रिया । तथा मां कुरू कल्‍याणि कांत
कांता सुदुर्लभाम् क्‍लीं
 
 

Karya sidhi mantra

इन्‍हे भी देखे💬 धन प्राप्ति मंत्र ।। अति दुर्लभ धन दर्शन मंत्र ।।

इन्‍हे भी देखे💬व्‍यापार वृद्धि मंत्र ।। व्‍यापार बंधन मुक्ति मंत्र ।।

    व्‍यापार
    वृद्धि यंत्र
    , सिद्ध व्‍यापार चलाने का मंत्र


    ५०

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    ५३

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    विधि:- इस यंत्र को नदी से पानी लेकर उसमें केसर घोलकर
    चमेली की कलम से भोजपत्र पर लिखें । शुक्रवार के दिन पवित्र होकर 700 यंत्र लिखें
    फिर एक यंत्र आपने पास रखकर बाकी के यंत्र आटे की गोलियों में भरकर
    मछलियों को खिला दें। एक यंत्र अपनी दुकान पर भी लिख दें। इससे व्‍यापार संबंधी
    सभी विघ्‍न बाधाएं दूर होकर बिक्री में बढ़ोत्‍तरी व लाभ होगा।
     


    शुभ व्‍यापार प्रारंभ मूहर्त 1, 4, 8,9,16 सितंबर 2021


    सुख समृद्धि दायक मंत्र

    कराग्रे वसते लक्ष्‍मी : कर मध्‍ये सरस्‍वती । कर मूले स्थितो ब्रम्‍हा:
    प्रभाते कर दर्शनम् ।। 

    प्रात: काल आंख खुलते ही अपनी दोनों हथेलियों को रखने से
    पूर्व नीचे लिखे मंत्र को बोलकर धरती माता को प्रणाम करना चाहिए।
     

    मंत्र:-
    समुद्रवसने देवि पर्वतस्‍तन मण्‍डले । विष्‍णु पत्नि नमस्‍तुभ्‍यं
    , पादसपर्श
    क्षमस्‍व मे 






    रोगनाशक मंत्र , असाध्‍य
    रोग ठीक करने
      का मंत्र 

     हीं सर्वते सर्वते श्री क्‍लीं
    सर्वोषधि प्राण दायिनी नैऋत्‍ये नमो नम: स्‍वाहा ।

    विधि:-किसी भी रोग के लिये कोई भी औषधि आरंभ करने से पहले इस मंत्र
    को पढें
    फिर औषधि शुरू करें तो शीघ्र लाभ हो


    तबादला यंत्र ट्रांसफर तंत्र

    सूर्योदय से पहले स्‍नान कर शुद्ध वस्‍त्र पहन कर सूर्योदय के बाद
    सूर्य के सामने लाल मिर्च के कम से कम 21 बीज छोड़ दें और कहें कि हे । सूर्य
    देवता मेरा
     इस जगह से जल्‍द से जल्‍द
    तबादला हो जाना चाहिए।
     तीन दिन बराबर करें तो बहुत
    जल्‍द उस जगह से तबादला हो जायेगा ।
     



    इन्‍हें भी देखें💬-बच्‍चों में नजर कैसें उतारे । मंत्र विधी

    सिद्धि प्राप्ति मंत्र प्रयोग , सर्वकार्य सिद्धि जप मंत्र

    • श्री
      गणेश जी का जप मंत्र
       :-
        गं गणपतये नम: ।। इस मंत्र के जप
      करने से सर्व विघ्‍न कष्‍ट दूर होकर सुख सम्‍पित्‍त की वृद्धि होती है । यह
      बड़ा ही चमत्‍कारी मंत्र है ।

      • श्री
        शिव जी का जप मंत्र
        :-
          नम:
        शिवाय । (प्राकृतिक
         , सामाजिक व
        सरकारी नियम मानव कल्‍याण के लिये होते है अत: इसका पालन करना चाहिए)

      • श्री
        विष्‍णु जी का जप मंत्र
        :-
         नमो
        भगवते वासुदेवाय ।। (रात्रि को जल्‍दी सोना व प्रात: जल्‍दी उठना मनुष्‍य को
        स्‍वस्‍थ
        , धनी एवं बुद्धिमान बनाता है।)

      • श्री
        सूर्य का जप मंत्र
        :-
          घृणि
        सूर्याय नम: ।।
         अथवा  ही आदित्‍याय स्‍वाहा: ।।

      • श्री
        हनुमान जी का जप मंत्र
        :-
          ही
        हनुमते रामदूताय नम: ।

      • श्री
        चन्‍द्र का जप मंत्र
        :-
         सों
        सोमाय नम: ।। ( स्‍वस्‍थ रहने के लिये शुद्ध हवा, 
        जल , व्‍यायामस्‍नानईश्‍वर स्‍मरण व भोजन नियमित आवश्‍यक
        है।
        )

      • श्री
        मंगल का जप मंत्र
        :-
           अं
        अंगारकाय नम: ।। (पवित्रता नैतिक बल है और नैतिक बल भौतिक बल से कई गुना बड़ा
        होता है।
         )

      • श्री
        बुध का जप मंत्र
        :-
          बुं
        बुधाय नम: ।। (जय जय श्री राधा वल्‍लभ श्री हित हरिवंश
        जय जय श्री वृंदावन श्री वन चन्‍द्र ।। जय जय श्री राधे)

      • श्री
        गुरू वृहस्‍पति का जप मंत्र
        :-
          बृं
        बृहस्‍पतये नम:(सज्‍जन रे झुठ मत बोलो
        खुदा
        क पास जाना है
        न हाथी है न घोड़ा हैवहां पैदल ही जाना है।

      • श्री
        शुक्र का जप मंत्र
        :-
          शं
        शुक्राय नम: ।। (प्रारबध पहले रचा
        पीछे
        रचा शरीर । तुलसी चिंता क्‍यों करे
        ,भज ले श्री रघुवीर ।।

      • श्री
        शनि का जप मंत्र
        :-
          शं
        शनैश्‍चराय नम: ।ॐ
         ऐं
        हीं श्री शं शनैश्‍चराय नम: ।।

      • सौभाग्‍य
        लक्ष्‍मी का जप मंत्र
         :-ॐ श्रीं श्रियै नम: ।।

      • श्री
        राहु का जप मंत्र
        :-
         रां
        राहवे नम: ।।ॐ
         गुरू
          भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम: ।। (इस मंत्र से प्रेत बाधा दूर होती
        है ओर पागल को भी नींद आ जाती है।)

      • श्री
        केतु का जप मंत्र:
         
         के केवते नम: ।। (कामक्रोधमदअहंकारलोभमोहईर्ष्‍या,द्वेष
        से विवेक व स्‍मरण शक्ति का नाश होता है।)



      इन्‍हे भी देखे💬 धन प्राप्ति मंत्र ।। अति दुर्लभ धन दर्शन मंत्र ।।

      इन्‍हे भी देखे💬व्‍यापार वृद्धि मंत्र ।। व्‍यापार बंधन मुक्ति मंत्र ।।

      इन्‍हे भी देखे💬 शनि देव  चालिसा ।। शनि देव आरती ।। 

      Karya siddhi mantra

      सर्व कार्य सिद्धि कवच karya siddhi mantra kavach

      जिस सज्‍जन को हजारों प्रयास और मेहनत करने के बाद भी उसे मन मुताबिक सफलतायें
      एंव किये गये कार्य सिद्धि लाभ नहीं मिलता ऐसे सज्‍जन को सर्व कार्य सिद्धि कवच अवश्‍य
      धारण करना चाहिए।

      सर्व कार्य सिद्धि कवच के प्रमुख लाभ

      सर्व कार्य सिद्धि कवच के द्वारा सुख समृद्धि और नव ग्रहों के नकारात्‍मक प्रभाव
      को शांत कर धारण करता व्‍यकित के जीवन से सर्व प्रकार के दु:ख द्ररिद्र का नाश हो कर
      सुख सौभाग्‍य एवं उन्‍नति प्राप्ति होकर जीवन में सभी प्रकार के शुभ कार्य सिद्ध होते
      हैं। जिसे धारण करने सेव्‍यक्ति यदि व्‍यवसाय करता होतो कारोबार में वृद्धि होति हैं
      और यदि नौकरी करता होतो उसमें भी उन्‍नति होती हैं।

      • सर्व कार्य सिद्धि कवच के साथ में सर्वजन वशीकरण कवच के मिले होने की वजह से
        धारण करत की बात का दूसरे व्‍यक्तिओ पर प्रभाव बना रहता हैं।

      • सर्व कार्य सिद्धि कवच के साथ में अष्‍ट लक्ष्‍मी कवच के मिले होने की वजह से
        व्‍यक्ति पर मां महा सदा लक्ष्‍मी की कृपा एवं आर्शीवाद बना रहता हैं। जिससे मां लक्ष्‍मी
        के अष्‍ट रूप

      1︳आदि लक्ष्‍मी, 2धान्‍य लक्ष्‍मी, 3धैरीय
      लक्ष्‍मी 4
       गज लक्ष्‍मी 5 संतान लक्ष्‍मी 6 विजय लक्ष्‍मी 7 विद्या लक्ष्‍मी और 8 धन
      लक्ष्‍मी इन सभी रूपों का आर्शीवाद प्राप्‍त होता हैं।

      • सर्व काय सिद्धि कवच के
        साथ में तंत्र रक्षा कवच के मिले होने की वजह से तांत्रिक बाधाए दूर होती हैं
        , साथ
        ही नकारात्‍मक शक्तियों का कोड़ कुप्रभाव धारण कर्ता व्‍यक्ति पर नहीं होता। इस कवच
        के प्रभाव से इर्षा द्वेष रखने वाले व्‍यक्तिओं द्वारा होने वाले दुष्‍ट प्रभावों से
        रक्षा होती हैं।
      • सर्व कार्य सिद्धि कवच के
        साथ में शत्रु विजय कवच के मिले होने की वजह से शत्रु से संबंधित समस्‍त परेशानिओं
        से स्‍वत: ही छुटकारा मिल जाता हैं। कवच के प्रभाव से शत्रु धारण कर्ता व्‍यक्ति का
        चाहकर कुछ नहीं बिगड़ सकते। 



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