छत्तीसगढ़
में सौर ऊर्जा
छत्तीसगढ़ में सौर ऊर्जा एवं सौर ऊर्जा नीति// solar energy and policy of chhattisgarh |
पृथ्वी
पर ऊर्जा का सबसे बड़ा स्त्रोत सूर्य है। सूर्य की विकिरण द्वारा पृथ्वी को ताप
की प्राप्ति होती है। सूर्य लगातार पृथ्वी को ऊर्जाकी पूर्ति करता रहता है। सौर
ऊर्जा को तापीय ऊर्जा में बदलने सौर बैटरियों के माध्यम से भोजन पकाने,
जल गर्म करने, खाद्यान्न एवं फलों को सुखाने,
लकडि़यों का प्रसंस्करण करने, पानी को साफ करने
तथा विद्युत ऊर्जा उत्पन्न करते हैं। पिछले कुछ वर्षों में सौर ऊर्जा उत्पन्न करने
की कई विधियां विकसित हुई हैं।
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औद्योगिक जिला दुर्ग में-
- शासकीय पॉलीटेकिनक दुर्ग
- वनमण्डल
शिकारी टोला - अंजोरा
के पशु प्रजनन प्रक्षेत्र में
प्रदेश
की सौर ऊर्जा नीति:-
⦿छत्तीसगढ़
में सौर ऊर्जा के बढ़ते हुए उपयोग से राज्य ने एक सौर नीति 2012-2017 घोषित किये हैं।
इसके निम्न लिखित बिंदु हैं-
⦿राज्य
में सौर विद्युत उत्पादन को प्रोत्साहित करना और विकसित करने के लिए प्रेरित करना।
⦿विद्युत
उत्पादन में निजी क्षेत्र की भागीदारी को अधिक बढ़ाना।
⦿पहुंच
विहीन व दूरस्थ क्षेत्रों के ग्रामीणों को विद्युत आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु स्थानीय
स्तर पर सौर अनुप्रयोगों को प्रोत्साहित करना।
⦿राज्य
में विकन्द्रीकृत उत्पादन और वितरण को बढ़ावा
देना।
⦿ऐसे
क्षेत्रों के लिए कुशल व अकुशल क्रियाशील व्यक्तियों की व्यवस्था करना।
⦿इससे
सम्बंधित नई परियोजनाओं को प्रोत्साहित करना।
⦿इससे
सम्बंधित उत्पादन तथा निर्माण से सम्बधित सहायक उद्योंगों पर बड़े पैमाने पर प्रत्यक्ष
और प्रत्यक्ष रोजगार की संभावनाओं को तलाशना।
⦿स्वच्छ
ऊर्जा की पहुंच सुनिश्चित करना।