भिलाई इस्पात संयंत्र
🔗भिलाई
इस्पात संयंत्र की स्थापना 8 मार्च 1956 में तथा उत्पादन 20 अप्रैल 1957 को
आंरभ हुआ। यह स्थान दुर्ग से पूर्व दिशा की ओर 10 किमी की दूरी पर स्थित हैा यह
संयंत्र 43वर्ग किमी क्षेत्र में विस्तृत है।
🔗यह उद्योग शिवनाथ और खारून नदियों
के मध्य सिथत हैा इस उद्योग के लिए पानी की व्यवस्था भिलाइर् से लगभग 56 किमी
दूर स्थित गोन्दली तथा तान्दुला जलाश्यों सेक तथा तांदुला से निकाली गई नहर से
भी की जाती है।
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🔗प्रांरभ में प्रतिदिन 16,350
घ.मी. तथा नगर के लिए 49.735 घ.मी. जल की आवश्यकता पड़ती थी। संयंत्र के लिए कच्चा
लोहा निम्नांकित खदानों से उपलब्ध होने लगा।
🔗प्रारंभ
में लौह उत्पादन क्षमता 10 लाख टन था जो बढ़ते-बढ़ते अभी 55 लाख टन हो गई है। इस
संयंत्र से रेलवे की 65मी, लम्बी पातें,
रेल की पहिए, स्लैब, लौह
पिंड, ढलवां लोहा और इस्पात की प्लेंओ का निमार्ण होता
हैं।
🔗यहां से लौह-इस्पात का निर्यात जापान, श्रीलंका,
द.कोरिया, मलेशिया ,इटली,
ग्रेट ब्रिटेन, अमेरिका, मिश्र इत्यादि देशों को किया जाता है।
Bhilai steel plant//भिलाई इस्पात संयंत्र |