बिलासपुर पर्यटन स्थल bilaspur me ghumne ki jagahe, tourist sites
छत्तीसगढ़ का दूसरा बड़ा शहर जो की स्मार्ट सीटि
के रूप में निर्माणाधीन हैं यह क्षेत्र छत्तीसगढ़ की
ऐतिहासिक राजधानी के रूप में सुप्रसिद्ध रही है इसका इतिहास आज भी अमर प्रतीत होता
है। इस पोस्ट में यहां क प्रमुख पर्यटन स्थल के बारे में बताया गया है। बिलासपुर
आकर यहां अवश्य इन जगहों पर जाना चाहिए। निश्चित रूप से आनंद प्राप्त होगा।
हवाई यात्रा
बिलासपुर तक पहुच दिल्ली एवं इलाहाबाद एवं
जबलपुर हवाई सेवा संचालित है।
रायपुर (141 कि.मी.) निकटतम हवाई अडडा है जो मुंबई, दिल्ली , कोलकाता, हैदराबाद, बेंगलुरू, विशाखापट्नम, चेन्नई एवं नागपुर से वायु मार्ग से जुड़ा
हुआ है।
ट्रेन द्वारा
हावड़ा-मुंबई मुख्य मार्ग रेलमार्ग पर बिलासपुर (25 कि.मी.) समीपस्थ रेल्वे जंक्शन है।
सड़क के द्वारा:-
बिलासपुर से रतनपुर
के लिये हर एक घंटे में बस तथा टैक्सी इत्यादि वाहन सुविधा है।
⦿रतनपुर पर्यटन स्थल
बिलासपुर – कोरबा मुख्यमार्ग पर 25 कि.मी. पर स्थित आदिशक्ति महामया देवि कि
पवित्र पौराणिक नगरी रतनपुर का प्राचीन एवं गौरवशाली इतिहास है। त्रिपुरी के
कलचुरियो ने रतनपुर को अपनी राजधानी बना कर दीर्घकाल तक छ्.ग. मे शासन किया। इसे
चतुर्युगी नगरी भी कहा जाता है. जिसका तात्पर्य इसका अस्तित्व चारो युगों में
विद्यमान रहा है | राजा रत्नदेव
प्रथम ने रतनपुर के नाम से
अपनी राजधानी बसाया |
श्री आदिशक्ति माँ महामाया देवी Mahamaya Temple
History:-
महामाया मंदिर |
लगभग नौ वर्ष प्राचीन महामाया देवी का दिव्य एवं
भव्य मंदिर दर्शनीय है | इसका निर्माण राजा रत्नदेव प्रथम द्वारा
ग्यारहवी शताबदी में कराया गया था | १०४५ ई. में राजा रत्नदेव प्रथम मणिपुर
नामक गाँव में शिकार के लिए आये थे, जहा रात्रि विश्राम उन्होंने एक वटवृक्ष
पर किया | अर्ध रात्रि में जब राजा की आंखे खुली, तब उन्होंने वटवृक्ष के नीचे अलौकिक
प्रकाश देखा | यह देखकर चमत्कृत हो गई की वह आदिशक्ति
श्री महामाया देवी की सभा लगी हुई है | इसे देखकर वे अपनी चेतना खो बैठे |सुबह होने पर वे अपनी राजधानी तुम्मान खोल
लौट गये और रतनपुर को अपनी राजधानी बनाने का निर्णय लिया गया तथा १०५०ई. में श्री
महामाया देवी का भव्य मंदिर निर्मित कराया गया | मंदिर के भीतर
महाकाली,महासरस्वती
और महालक्ष्मी स्वरुप देवी की प्रतिमाए विराजमान है| मान्यता है कि इस मंदिर में यंत्र-मंत्र
का केंद्र रहा होगा | रतनपुर में देवी सती का दाहिना स्कंद गिरा था | भगवन शिव ने स्वयं आविर्भूत होकर उसे
कौमारी शक्ति पीठ का नाम दिया था | जिसके कारण माँ के दर्शन से कुंवारी
कन्याओ को सौभाग्य की प्राप्ति होती है | नवरात्री पर्व पर यहाँ की छटा दर्शनीय होती है | इस अवसर पर श्रद्धालूओं द्वारा यहाँ हजारो
की संख्या में मनोकामना ज्योति कलश प्रज्जवलित किये जाते है |
⦿कानन पेंडारी
कैसे पहुंचें:
हवाई यात्रा
बिलासपुर तक पहुच दिल्ली एवं इलाहाबाद एवं
जबलपुर हवाई सेवा संचालित है।
रायपुर (130 किलोमीटर) निकटतम हवाई अड्डा है जो मुबई
दिल्ली , नागपुर, हैदराबाद, कोलकाता, विशाखापटनम एवं चेन्नई से जुडा हुआ है।
ट्रेन द्वारा
हावडा – मुंबई मुख्यम रेल मार्ग पर बिलासपुर
समीपस्थ रेल्वे जंकशन है।
सड़क के द्वारा
बिलासपुर शहर से निजी वाहन अथवा नियमित परिवहन
बसों द्वारा यात्रा की जा सकती है।