raksha bandhan 2021 shubh muhurat ! रक्षा बंधन का शुभ मुहुर्त, l raksha bandhan 2021
”रक्षाबंधन राखी के पावन पर्व पर हमारे ओर भाई बहनों को राखी की शुभकामनाएं happy raksha bandhan ”
भारत के त्यौहारों में
रक्षाबंधन का पर्व का विेशेष महत्व होता हैं। यह त्यौहार धार्मिक, आध्यात्मिक
व ऐतिहासिक महत्व रखता है। रक्षाबंधन प्रतीक है भाई बहन के पवित्र प्यार और विश्वास
का। इस पर्व के बारे में प्राचीन पुराणों में इसकी व्याख्या कि गई हैं। रक्षाबंधन
के विषय में भविष्य पुरान में लिखा है कि कृष्ण से युधिष्ठिर ने ऐसा रक्षा का विधान
पूछा जिसके करने से मनुष्य डर से मुक्त हो जाये तो उन्होंने बताया कि रक्षाबंधन (raksha bandhan rakhi)पर्व सब रोगों का नाशक तथा सब अशुभों को नष्ट करने वाला है। इसे वर्ष में एक बार
विधि पूर्वक कर लेने से वर्ष भर शत्रुओं से रक्षा रहती है। इसको देवो के देव इंद्र
की जीत के लिए इंद्राणी ने अपनाया था। जिसके फलस्वरूप इंद्र की दोनों लोकों में
जीत हुई। यह रक्षाबंधन विजय, सुख, पुत्र पौत्र धन और आरोग्य देने वाला है। इस दिन भाई को
राखी बांधते हुए बहन की उम्मीद होती है कि वह सब प्रकार से उसकी रक्षा करेंगा।
raksha bandhan wishes in hindi
- भाई
के प्यार से बढ़कर कोई प्यार नहीं । प्यारा भाई से बढ़कर प्यार और कोई नहीं। - बहन
वह है जो कि केयर भी करती है और शेयर भी। बहन वह भी समझ जाती है जो भाई कही बोल भी
नहीं पाता। बहन के अलावा और कोई नहीं दुनिया में ऐसा। आई लव सिस्टर - मैं
तुम्हे बधाई देती हूं कि दुनिया का सबसे अच्छा भाई होने के लिए। हैप्पी रक्षा
बंधन । - जोड़ी
हमारी हमेशा बनी रही यही प्रार्थना है मेंरी रब से , हैप्पी
राखी - बहन
के प्यार से बढ़कर कोई प्यार नहीं । प्यारी बहन से बढ़कर प्यारी और कोई नहीं।
रक्षाबंधन का महत्व
भाई बहिन के प्रेम व रक्षा का पवित्र रक्षाबन्धन का त्यौहार श्रावण शुक्लपक्ष पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन बहिनें अपने भाईयों के प्रति समर्पित भाव से पूजापाठ करके थालों में फल, फूल मिठादयां, रोली तथा चावल और राखियां रखकर भाई का स्वागत करती हैं तथा रोली से भाई का तिलक करके उसक दायें हाथ में राखी बांधती है और दुआ मांगती हैं कि उनके भाई सुरक्षित रहें, अपने जीवन में अच्छे कर्म करें। इसी अवसर पर भाई राखी बंधवाकर बहन से यह प्रतिज्ञा करते हैं कि अगर बहन को कोई संकट आये, वह उस समय संकट का निवारण करने के लिए बहन की सहायता करने के लिए अपनी जान की बाजी लगा देगा। राखी बहन के पवित्र प्रेम और रक्षा की डोरी है। हिन्दू समुदाय सहित भारतीय समाज की मान्यता है कि राखी की डोरी में ऐसी शकित है जो हर मुसीबत में भाई की रक्षा करती है। यह उत्सव हमारे भारतीय समाज को अपनी भाई चारा एवं एकता का मजबूत सूत्र प्रदान कर रहा है।
रक्षाबंधन का शुभ मुहुर्त
2021 में (raksha bandhan 2021 shubh muhurat) –
- शुभ समय – 22 अगस्त, रविवार सुबह 05:50 बजे से शाम 06:03 बजे तक.
- रक्षा बंधन के लिए दोपहर का उत्तम समय – 22 अगस्त को 01:44 बजे से 04:23 बजे तक
रक्षाबंधन का पूजन विधि
विधान-
रक्षाबंधन प्रतिवर्ष श्रावस महिने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन मनाया
जाता है। इस दिन प्रात:काल सूयौ्रदय के समय श्रुति और स्मृतियों के विधानानुसार
स्नान करें। साफ पानी से देवताओं और पितरों का तर्पण कर फूल, धूप, मौली, रोली,चावल, सरसों
नारियल आदि का चढ़ावा चढ़ाए़। पूजन से पूर्व घर की शुद्धि अवश्यक करें। इससे पाप एंव
दुष्कर्मों का नाश होता है। निम्न मंत्र का उच्चारण करते हुए राखी बांधे। मंत्र
का उच्चारण से रक्षा बंधन (raksha bandhan rakhi) का विधान किया है। वह इस प्रकार है-
येन बद्धो बजी राजा दनावेन्द्रो
महाबल:। तेन त्वामनुबध्नामि रक्षे माचल माचल।
अर्थात जिस रक्षा से महाबली
दानवेन्द्र बिल बांधा गया था। तुझे मैं उसी से बांधता हूं। रक्षे। तुम हर तरह अचल
रहना। जो इस विधि से रक्षाबंधन धारण करता है, वह एक वर्ष
तक निरापद एवं सुखी रहता है। रक्षाबंधन का निषिद्ध काल भद्रा बताया गया है। इसलिए इस
काल में रक्षाबंधन नहीं करना चाहिए। भद्रा में रक्षाबंधन करने से ऐसा माना जाता है
कि राजा की मृत्यु होती है और परिवार का अशुभ होता है। सामान्य परंपरा के अनुसार
रक्षाबंधन (raksha bandhan rakhi) के दिन बहन भाई को तिलक लगाकर हाथ में नारियल, रूमाल, दक्षिणा पैसे
रखती है। फिर राखी बांधकर मिठाई खिलाकर इस त्यौहार को मनाया जाता हैं।
रक्षा बंधन का इतिहास (raksha bandhan ka itihas in hindi) रक्षाबंधन का शुरूआत प्राचीन मान्यता –
रक्षाबंधन की पहली मान्यता-
रक्षाबंधन (raksha bandhan rakhi) पर्व की कथा का उल्लेख
भविष्य पुरान में इस प्रकार किया गया है। प्राचीन समय में एक बार देवाताओं और दानव
के बीच युद्ध शुरू हुआ। तो वह 12 सालों तक चलता रहा। अंत में देवताओं की पराजय हुई
तेा वे सब अमरावती छोड़कर चले गए और विजेता दैत्यराज ने तीनों लोकों पर अपना अधिकार
कर लिया, उसने सभी को यज्ञ कर्म न करने और अपनी पूजा करने का आदेश
दे दिया। धर्म का नाश होते ही जब देवताओं का बल घटने लगा, तो इंद्र
घबराकर अपने गुरू बृहस्पति के पास पहूंये और उनसे इस विपत्ति के शमन का उपाय पूछा।
आचार्य बृहस्पति ने इंद्र से श्रावण पूर्णिमा को रक्षा विधान संपन्न कराया।
इंद्राणी ने इस दिन द्विजों
से स्वरिस्तवाचन करवाकर रक्षा सूत्र लिया और इंद्र की दाहिनी कलाई में बांधकर उन्हें
युद्ध के लिए भेज दिया। रक्षाबंधन (raksha bandhan rakhi) के प्रभाव से इंद्र की जीत हुई।
रक्षाबंधन की दूसरी मान्यता-
एक बार भगवान श्रीकृष्ण के हाथ में चोट लगने के कारण खून निकलने लगा। यह देखकर द्रौपदी
ने तुरंत अपनी साडी फाड़कर कृष्ण के हाथ में बांध दी। बस, इसी बंधन
के ऋणी श्रीकृष्ण ने दु:शासन दुर्याधन द्वारा चरीहरण के समय द्रौपदी की लाज बचाई।
दौपदी ने भगवान श्रीकृष्ण को अपना भाई माना था, इसलिए उन्होने
जीवन भर दौपदी की रक्षा की।
raksha bandhan gifts for sister
हालांकि उपहार स्वरूप कैश भी दिया
जाता है मगर गिफट देने की बात ही अलग है आइऐ देखे कौन कौन से गिप्ट रक्षा में
बंधन में दिये जा सकते हैं
- पसंदीदा ड्रेस
- मोबाइल
- मोबाइल एक्सेसरिज
- स्मार्च वार्च
- नार्मल वार्च
- हेड फोन ईअरफोन या ईअर ब्लुटुथ
- डॉल
- चाकलेट
- टॉफी का डब्बा
- शुस या जुते
- म्युजिक आइटम
- फैंसी कप
- फैंसी रूम शो पीस
- फैंसी भगवान की मूर्ति
- उसकी आवश्यकता का सामान
- ज्वेलरी
- मेकअप आइटम
-
Sister
Book - Flowery
Hoops - 3D Illusion Led Lamp
- Mug
- Chocolate…
- Diamonds
Great Adventure Red Garne… - Red
Garnet & Silver Pendant… - Rakhi
Card - Perfume
- Rakhi
Lamp - Photo
Chocolate for Sister - Dry
Fruits Combo - Silver
Pendant - Chocolate
Fight Mug… - Cushion
- Jhumka
- T-Shirt
Teddy - Sling
Bag - Diamonds
Heart of Silver Pendant… - Best
Sister Ever Cushion… - Rakhi
Set - 4 Leaf Clover Chandelier
- Diamonds
Shining Magic – Blue Topaz 925 Sterling Silver Pendant - Jhumkas
- Keepsake
- Luggage
Tag
नोट- ऐसे gift न देवें जिसका न के बराबर
होता है।
रक्षा बंधन का इतिहास । स्वतंत्रता संग्राम के दौरान राखी-
रवीन्द्र नाथ ठाकुर के आव्हन पर बंगभंग के विरोध में दिनांक 16 अक्टूबर 1905 को बंगाल में राखी बन्धन का त्योहार मानाया गया था। तो राष्ट्रभक्तों की टोलियां बन्देमातरम का गान करके गंगा स्नान के लिए निकल पड़ी थी। स्नान के बाद केसरिया रंग के धागों की राखियां बांधकर विदेशी विधर्मी अंग्रेजी सत्ता को उखाड़ फेंकने का संकल्प किया गया था। जिससे पूरे देश में विदेशी वस्तुओं का बिहिष्कार हुआ था। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के संस्थापक डा, केशव बलिराम हेगडेवार ने स्थापित राष्ट्रीय उत्सव मण्डल के माध्यम से उनके अनुयायियों ने हिन्दू समुदाय में चेतना उत्पन्न की और आज भी यह लोग राखी पर्व बड़ी धूमधाम से मानाते हैं। यह रखा बन्धन का त्यौहार के आयोजनकर्ता मात्र हिन्दु समुदाय के लोगों द्वारा सम्पन्न होता है।