मिनी माता जीवन परिचय MINI MATA BIOGRAPHY
छत्तीसगढ़ की पहली महिला सांसद
पुन्य तिथि – 11 अगस्त
मिनीमाता का जन्म 1913 को ग्राम जमुनामुखी, असम में
हुआ था, माता मतीबाई, पिता महंत बुधारी दास तथा इनका वास्तविक नाम मीनाक्षी
एवं उपनाम मिनी था। अकालवश पलायन कर मिनीमाता के दादा परिवार को लेकर जीविकोपार्जन
के लिए छत्तीसगढ़ के मुंगेली के एक ग्राम सगोना जिला बिलासपुर से असम के चाय बगान दौलतपुर
विस्थाप्ति हो गये थे। मिनीमाता की माता का विवाह तथा मिनीमाता का जन्म असम में हुआ।
सातवीं कक्षा तक प्राथमिक शिक्षा असम में और बाद में मैट्रिक तक की शिक्षा मैट्रिक
तक छत्तीसगढ़ में हुई इन्हें हिन्दी अंग्रेजी,
असमीस, बंगला, एवं छत्तीसगढ़ी
का सम्यक ज्ञान था।
मिनीमाता
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जन्म
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1913
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वास्तविक नाम
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मीनक्षी (मिनी)
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जनता द्वारा प्रदान नाम
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माता (गुरू माता)
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ग्राम
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जमुना मुखी असम
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माता
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मतीबाई
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पिता
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महंत बुधारीदास
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शिक्षा
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मैट्रिक छत्तीसगढ़
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पति
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गुरू अगमदास सतनामी धर्म गुरू
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कार्य क्षेत्र
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सांसद, राजनीति एवं सेवा क्षेत्र
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भाषा ज्ञान
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असमी, बंगाली, छत्तीसगढ़ी, हिंदी
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समाजिक कार्य
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बाल विवाह, छुआधुत दहेज गौवध का विरोध,
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अन्य विशेष कार्य
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छत्तीसगढ़ मजदूर संघ का गठन,
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मृत्यु
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11 अगस्त 1972
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मृत्यु का कारण
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हवाई दुर्घटनाग्रस्त ।
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सतनामी समाज के धर्म गुरू छत्तीसगढ़ से समाज के पलायित
लोगों का हालचाल लेने असम चाय बगान जाया करते थे ऐसे ही एक प्रवास में तत्कालीन गुरू
अगमदास जी दौलतपुर पहूंचे। उनके कोई संतान न थीं जिससे महंता ने उनसे पुन: विवाह करने
का आग्रह किया अत: वही महंत बुधारी दास की कन्या मीनाक्षी का विवाह 1932 में गुरू
अगमदास जी से हुआ। इस प्रकार एक साधारण परिवार में जन्मी कन्या गुरू पत्नी अर्थात
माता पद को प्राप्त हुई मिनी माता (Mini Mata) गुरू के साथ छत्तीसगढ़ वापस आयीं।
गुरू राष्ट्रीय कांग्रेस के पदाधिकारी थे और उनके राजनैतिक
दौंरों में मिनीमाता उनके साथ होती थी,। गुरू संविधान सभा के सदस्य भी थे। 1952 में
गुरू का निधन हो गया तब मिनी माता (Mini Mata) संसद सदस्य थे । पं,
रविशंकर शुक्ल की प्रेरणा से मिनीमाता
मध्यावधि चुनाव के समय रायपुर से सांसद चुनी गई। पंडित रविशंकर शुक्ल व पंडित जवाहर
नेहरू आदि बड़े नेता उनका बड़ा सम्मान करते थे।
मिनी माता (Mini Mata) एक कर्मठ महिला थी। मिनी माता (Mini Mata) बाल विवाह, छुआधुत
दहेज गौवध आदि की विरोधी थीं। उन्होंने छत्तीसगढ़ मजदूर संघ का गठन किया था। अस्पृश्यता
निवारण विधेयक को संसद में प्रस्तुत करवाने मे उन्होने महत्वपूर्ण भुमिका निभाई
थी । मिनी माता (Mini Mata) भारतीय दलित वर्ग संघ के महिला शाखा की उपाध्यक्ष भी थीं। 11 अगस्त 1972
की अर्धरात्रि में जब मिनी माता (Mini Mata) दिल्ली से रायपुर आ रही थीं। तब विमान के पालम अड्डे से 3
किमी दूरी पर दुर्घटना ग्रस्त हाने से उनका दु:खद निधन होगया ।
छत्तीसगढ़ में पहली महिला सांसद स्वर्गीय मिनीमाता
के सम्मान में उनके अभूतपूर्व कृत के कारण उनके नाम पर कुछ विशेष सुविधा एवं शासन
द्वारा संचालित हैं जैसे
- उनके नाम पर छतीसगढ़ विधानसभा का नाम मिनी माता (Mini Mata) के नाम
पर हैं। - एवं महिलाओं के उत्थान हेतु प्रति वर्ष राज्य अलंकरण
पुरस्कार का वितरण छत्तीसगढ़ में सेवा रथा महिलाओं के लिए मिनी माता (Mini Mata) महिला उतथान सेवा
पुरसकार के रूप में किया जाता हैं।