बोरे बासी तिहार
(Bore
Basi Tihar )| Bore basi Diwas 2023 | Bore basi Diwas Speech In Hindi
छत्तीसगढ़ में Bore Basi Tihar प्रत्येक
वर्ष 1 मई को मनाया जाता हैं। Bore Basi Tihar मनाने की पहल
सर्वप्रथम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी ने किया था। उनका मानना है छत्तीसगढ़ के लोगों
को अपनी परंपरा को छोड़ने नहीं चाहिए बल्कि उसे Tihar के रूप में सेलिब्रेट करना चाहिए।
क्या है बोर बासी तिहार । What Is Bore Basi Tihar
Bore Basi Tihar विश्व श्रमिक
दिवस के उपलक्ष पर बनाया जाने वाला त्योहार है जिसमें कि किसानों एवं मजदूरों के सम्मान
के लिए उनकी कड़ी मेहनत में बासी खाने का योगदान को दर्शाता है। इस दिन घरों एवं संस्थाओं
में बोरे बासी खाना खाया एवं परोसा जाता हैं।
क्यों मनाया जाता है Why
Celebrate Bore Basi Tihar | Bore basi diwas 2023
छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य
में ग्रामीण एवं छत्तीसगढ़ी कल्चर को बढाया देने के लिए कई प्रकार के त्योहारों जैसे
Teeja , Pora, hareli को सर्वाजनिक रूप से मनाने कि शुरूआत कि हैं। इसके माध्यम
से नई पीढी को राज्य के कल्चर के बारे में अधिक ज्ञान मिल सकेगा। इसके अलावा अन्य राज्यों
एवं विश्व में छत्तीसगढ़ी कल्चर के बारे में लोगों को पता चलेगा एवं चाहे तो वे उसका
लाभ उठा सकेंगे।
Bore Basi खाने के फायदें | bore basi diwas 2023
- Bore Basi अर्थात बासी खाने के कई लाभ हैं।
छत्तीसगढ़ के
प्रसिद्ध बोरे बासी का शोध अमेरिका में भी किया जा चुका है। वहां इसका अंग्रेजी
नाम होल नाइट वाटर सोकिंग राइस रखा है। शोध में यह पाया गया है कि बोरे बासी में
ताजा बने चावल (भात) की अपेक्षा इसमें करीब 60 फीसदी कैलोरी ज्यादा होती है।
इसके अलावा
कई शोधों में यह पाया गया है कि बोरे बासी में विटामिन बी 12 की प्रचुर मात्रा के
साथ आयरन, पोटेशियम, कैल्शियम भी भरपूर
होती है। बोरे बासी ब्लडप्रेशर और हाइपरटेंशन को नियंत्रित करने का भी काम करता है।
छत्तीसगढ़ के
रेस्टोरेंट और होटलों के मेन्यू में भी बोरे बासी को शामिल किया गया है।
Bore Basi का इतिहास | bore basi Diwas 2023
चिलचिलाती धूप और गर्मी में जब
छत्तीसगढ़ का मेहनतकश श्रमिक और किसान खाने के लिए गमछा बिछाकर अपना डिब्बा खोलता है, तो उसमें पताल चटनी, गोंदली के साथ बोरे बासी जरुर देखने
को मिलता है। पोषक तत्वों से भरपूर इस बोरे बासी से वैसे तो लोग परीचित थे पर इसे
वैश्विक स्तर पर नई पहचान दिलाने की अहम भूमिका छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री
भूपेश बघेल ने निभाई है।
बासी के साथ आम तौर पर भाजी खाया जाता
है। पोषक मूल्यों के लिहाज से भाजी में लौह तत्व प्रचुर मात्रा में विद्यमान रहते
हैं। इसके अलावा बासी के साथ दही या मही सेवन किया जाता है। जिसमें बड़ी मात्रा में
कैल्शियम रहता है। इसके सेवन के फायदों को देखते हुए धीरे-धीरे ये देश-विदेश में
भी लोकप्रिय हो रहा है। बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्गों भी इसे बड़े चाव से खाना पंसद
करते हैं। बोरे-बासी छत्तीसगढ़ राज्य की जीवनशैली का एक अहम हिस्सा है।