छत्तीसगढ़ की पूर्व रियासतें एवं जमींदारियां
मराठा काल में क्षेत्र व्यवस्था– मराठा काल में जमींदारी
क्षेत्र से खालसा क्षेत्र में व्यवस्था रूपांतरित
हो गयी । मगर खालसा व्यवस्था का संचालन कठिन था जिससे कारण पुन: खालसा क्षेत्र से जमींदारी क्षेत्र व्यवस्था
शुरू हो गयी।
ब्रिटिश काल में – जमींदारी का नवीनकरण 1864 में सर
रिचर्ड टेम्पल द्वारा किया गया । जमीदारी
क्षेत्र का विभाजन दो व्यवस्था में हुआ-
- 1- रियासत या जमीदारी – इसका शासन व्यवस्था राजा या
रूलिंग प्रमुख के हाथ में था। - 2- जमींदार – सामान्य जमींदार इस पर नियंत्रण करते हैं।
छत्तीसगढ़ से रियासत-
छत्तीसगढ से 14 रियासत थे- इसे भाषायी आधार पर दो प्रकार से
बांटा गया है-
1- उडि़या भाषी– कालाहांडी पटना रायखोल बांबरा एवं सोनपुर
रियासत सामिल था।
यह रियासत 1905 में बंगाल उड़ीसा में सम्मिलित हो गया।
2- हिन्दी भाषी– बस्तर कांकेर राजनांदगांव खेरागढ़ छुई
खदान कवर्धा शक्ति रायगढ़ सारंगढ़ (9)
3- बंगाल छोटानागपुर से – सरगुजा अम्बिकापुर उदयपुर जशपुर
कोरिया (बैंकुठपुर) चांगभखार (6)
कुल रियासत- 14 रियासत
बस्तर रियासत जो कि सबसे बड़ी रियासत हैं 33438 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैला हैै।
- छत्तीसगढ़ से जमींदारी क्षेत्र – 64 जमींदारी
- जमींदारी– बस्तर 10 जमींदारी
- दुर्ग– 15 जमींदारी
- रायपुर– 9 जमींदारी
- बिलासपुर– 9 जमींदारी
- रायगढ़ -17 जमींदारी
- सरगुजा-4 जमींदारी
- कुल 64 जमींदारी
छग रियासत का भारत संघ में विलय–
छत्तीसगढ और ओडि़शा देशी रियासत हेतु लायनस अधिकारी नियुक्त किया गया था।
रियासत के प्रतिनिधि को राजकुमार कॉलेज में सभा कराई गई।
जो कि अपना अलग संघ बनाना चाहते थे।
पूर्वी रियासतों का संघ निर्माण किया गया। । एवं रियासती
संविधान लागू किया गया।
छत्तीसगढ़ उडि़या रियासत से अलग भारत सरकार में जाने से इंकार
किया ।
सरदार वल्लभ भाई पटेल
छत्तीसगढ़ आऐ एवं उन्होंने रियासत संघ का विरोध किया।
मगर अंतत: भारत संघ में आगे जाकर शामिल हुए।
बस्तर राजा प्रवीर चंद भंजदेव, सरदार पटेल से मिलने दिल्ली
गये । काफी चर्चा के बाद वे भी तैयार हुऐ।
ठाकुरप्यारे लाल का योगदान-
जिस प्रकार 565 संघ को भारत
संघ में मिलाने में सरदार वल्लभ भाई पटेल का अहम योगदान है उसी प्रकार ठाकुर प्यारे
लाल छत्तीसगढ के रियासत को भारत संघ में शामिल करने में उनका विशेष योगदान हैं।
उन्होंने कौंसिंल ऑफ ऐक्शन इन छत्तीसगढ स्टेट्स council of action in cgstates की स्थापना किया ।
इस कॉन्सिल के सचिव जय नारायण पांडेय एवं अन्य में रामनाराण
मिश्र भी शामिल थे।
कॉन्सिल के द्वारा जनमत तैयार किया गया। प्रस्ताव पारित किया गया।
कोरिया पटना (सरगुजा) एवं खैरागढ़ रियासत प्रमुख सरदार पटेल
से मिले उन्होंने मांग किया की उन्हें वही सुविधा मिले जो अंग्रेजी सत्ता में मिलती
थी। 10 रियासत प्रमुख ने हस्ताक्षर किया।
9 जनवरी 1948 भारतीय संघ में विलय हो गया। और बस्तर भारत
का भाग बन गया।
इस प्रकार से इस पोस्ट में छत्तीसगढ़ की इतिहास के अंतर्गत छत्तीसगढ़ की पूर्व रियासतें एवं जमींदारियां की जानकारी दी गई ।