shahid veer narayan singh ! Biography of shahid veer narayan singh

 छत्तीसगढ़ के वीर नारायण सिंह पर बन रही फिल्‍म का हाल में ट्रेलर रिलीज किया जा रहा है। वीर नारायण सिंह बैटल आफ सोनाखान नाम से 2021 वर्ष के बाद 2022 में आने की संभावना है की शुटिंग चल रही है।इसके डायरेक्‍टर अविनाश बावनकर है एंव निर्माता राकेट रेज जी है। इसका अभिनय करने वाले एक्‍टर आर्यपुत्र है।

कौन है नारायण सिंह अगर आप नहीं जानते है तो वीर नारायण सिंह का जीवन परिचय एवं बायोग्राफी एवं छत्तीसगढ़ में 1857 की क्रांति में उनका क्‍या योगदान है वीर नारायण सिंह पर निबंध    इस पोस्‍ट में इस पर पूरी कहानी बतायी जारही है ।

 छत्तीसगढ़ में 1857 की क्रांति एवं वीर नारायण सिंह पूूूरी कहानी

shahid veer narayan singh Veer Narayan Singh
वीर नारायण सिंह का फोटो
sorces from –.wikipedia


⦿भारतीय इतिहास में 1857 का वर्ष महत्‍वपूर्ण है। लाखों भारतीय अंग्रेजों की प्रताड़ना से मुक्‍त होकर अपने अपने राज्‍यों में शांतिपूर्ण रहनाचाहते थेदेश व्‍यापी इस क्रांति का प्रभाव छत्तीसगढ़ की माटी एवं महानदी की घाटी में भी पड़ा था। संबलपुर और सोनाखान के अरण्‍य क्षेत्र में इसका व्‍यापक प्रसार हुआ । आदिवासी किसानमजदूरसामानय जनता तथा कुछ सैनिकों ने भी इस आंदोलन में भाग लिया जो जेल की सुरक्षा कार्य में संलग्‍न थेउनका भी सहयोग मिला।

⦿छत्तीसगढ़ में जनहित कार्य में सोनाखान का जमींदार परिवार तीन पीढि़यों से लगा हुआ था। 1818-19 में ब्रिटिश एवं मराठों के अन्‍याय परक नीतियों के विरोध में जमींदार रामराय ने विद्रोह किया था। नागपुर से आकर केप्‍टन मेक्‍सन ने इसे दबाया था। सोनाखान जमीदारों के गांवो की सख्‍या 300 से घटाकर 50 गांवों की दर कर दी गई थी। रामराय का प्रभाव फिर भी यथावत् बना रहा अंग्रेजों ने स्‍वयं महसूस किया था कि छत्तीसगढ़ के सुबेदार की अपेक्षा रामराय का आदेश अधिक माना जाता है।

⦿सन् 1830 में रामराय की मृत्‍यु के बाद नारायण सिंह पैंतीस वर्ष की आयु में जमीदार बने तथा जनहित कार्यों में सलग्‍न रहेंउनका निवास सामान्‍य जनता की तरह थामहल या किला नहीं। उन्‍होंने सोनाखान में राजा सागररानी सागरनंद सागर तालाब निर्मित करवाये वृक्षारोपण कराया।


⦿1856 में महानदी घाटी क्षेत्र में अकाल पड़ासोनाखान का अकाल भयावह थाकंदमूलफलफूलपानीअनाज सभी की दिक्‍कत थी। वे सोनाखान के जमींदार के पास इकट्ठे हुए। जमींदार ने अपना सब अनाज संग्रह उन्‍हें दे दिया पर फिर भी समस्‍या का निदान न होनेपर आसपास केगांवों के व्‍यापारियों केा मदद करने कहाबाढ़ी में अर्थात फसल के बाद डेढ़ गुना अनाज वापस करने की बात कहीपर जमाखोर व्‍यापारियों ने मदद नहीं की। अत- माखन बनिया के गोदाम से अनाज निकलवा कर नारायणसिंह ने भूख पीडि़त लोगों के मध्‍य बंटवा दिया और परिस्थिति कारण से रायपुर के डिप्‍टी कमिश्‍नर को 29 अगस्‍त 1856 के एक पत्र से अवगत करा दिया किन्‍तु अंग्रेज अवार की तलाश में थेव्‍यापारी के रिपोर्ट के आधापर पर जगन्‍नाथपुरी तीर्थ यात्रा के समय नारायणसिंह केा संबलपुर में 24 अगस्‍त 1856 को गिरफ्तार कर रायपुर जेल में बंद कर दिया। उन पर डाका डालने और हत्या का झूठा आरोप लगाया गया। इस महीने चार दिन रायपुर जेल में बंद रहेइस घटना से सोनाखान में अंग्रेजों के खिलाफ आक्रोश की चिंगारी फैल रही थी।

⦿10 मई 1857 को मेरठ से प्रारंभ हुए विप्‍ल्‍व की चिंगारी पूरे देश में फैलने लगीरायपुर जेल से सुरंग द्वारा तीसरी देशी रेजीमेंट के कुछ सैनिकों की मदद से नारायण सिंह 27 अगस्‍त 1857 की रात को  निकलने में सफल हुए।

⦿नारायण सिंह ने सोनाखान में 500 आदिवासियों की एक सेना का गठन कियारास्‍ते पर नाके बंदी की। दीवार खड़ी की गई। 20 दिन तक अंग्रेज सोनाखान पर आक्रमण की योजना बनाते रहे। डिप्‍टी कमिश्‍नर इलियट ने नारायण सिंह को तुरन्‍त गिरफ्तार करने हेतु लेफ्निेंट स्मिथ को आदेश दियालेफ्टिनेंट पियर के साथ 53 पुलिस सवार, 4 वफादार तथा एक जमादार की सेना के साथ 20 नवंबर को रवाना हुए। खरोदसे सोनाखान की ओर बढ़ती सेना को जन असंतोष का आभास हुआ। एक घुड़सवार ने स्मिथ को नारायण सिंह का पत्र लाकर दिया जो स्मिथ के पत्र का उत्‍तर था। पत्र में निर्भीकतादेश प्रेम और स्‍वाभिमान का भाव था जिससे सिमथ व समर्थक हताश हुए।

⦿स्मिथ ने अभियान जारी रखा और करौंद पहुंचा नाराणसिंह द्वारा किये गये नाके बंदी की जानकारी प्राप्‍त होने पर वहां के निवासी बालापुजारी के साथ सोनाखान के लिये रवाना हुआ पर नीमतल्‍ला में रूकना पड़ा। वहां से 3 मील का रास्‍ता शेष था। सिमथ ने पड़ोसी जमींदारों से सहायता मंगाई । 23 से 24 नवंबर को कटंगी से 16 बंदुकधारीबडगावं से , 25 सेनानीबिलाईगढ़ से 40 सैनिक आये। रायपुर:- बिलासपुर से भी सैनिक बुलायेजिसे घाटी मार्ग पर तैनात कर सोनाखान के रास्‍ते बंद कर दिया ताकि रसद व अन्‍य मददगार वहा व जा सकें।

⦿मंगल नामक ग्रामीण ने स्मिथ को जानकारी दी कि सोनाखान के एक ओर नाकेबंदी अधूरा है, 26 नवंबर को नारायण सिंह के एक घुड़सवार ने जो करोंद में गिरु्तार हुआ था ने बताया कि नारारण सिंह के पास 500 हथियार बंद सिपाहीं 6से 7 तोपे हैं तथा नारायण सिंह आखिरी सांस तक लड़ने को दृढ़ संकल्‍प हैं।


⦿स्मिथ ने 80 सैनिक और नियुक्‍त किये। 29 नवंबर को 2 बजे नीमतल्‍ला से देवरी रास्‍ते होते हुए सोनाखान रवाना हुआरास्‍ता दिखाने वाले नेधोखा दिया। 35 मील गलत रास्‍ते से चलते 30 नवंबर को देवरी पहुंचा। यहां का जमींदार नारायण सिहं का रिश्‍तेदार था पर उसने अंग्रेजो का साथ दिया। स्मिथ ने फुलझर कौंडीसिवनी आदि स्‍थानों में नारारण सिंह के बच निकलने पर पकड़ लेने की हिदायतें वहां के जमींदारों को  दिया। 126 सिपाहियों के साथ देवरी जमींदार महाराज साय के मार्गदर्शन में जोंक नदी पर कर बचते-बचते सोनाखान वाले के पास पहुंचानारायण सिंह के सैनिकों ने गोलियों की बौछार की । सिमथ बचते हुए सोनाखान पहुचां । जमीदार परिवार तथा सामान गोविंद सिंह के साथ सोनाखान से बाहर जा चुका था। नारायण सिंह ने पहाडी पर मोर्चा संभाला । स्मिथ ने गावं मे आग लगा दी। रात में पहाड़ी पर लोगों का आना-जाना तथा मशाल की रोशनी देख स्मिथ द्वारा रास्‍ता बदलने के कारण तोपों का उपयोग न कर सका जो वहां से सात मील दूर रास्‍ते पर लगाया गया था। देवरी जमींदार के धोखे के कारण उसकी योजना अधूुरी रह गई। उसके सैनिक जंगलों में बिखरे थेअंग्रेजों को मदद मिलती जा रही थीआसपास से। अंतत: जनता की दुखदर्द को समझते हुए वह एक साथी के साथ पहाड़ी से नीचे आकर सिमथ से मिला और चर्चा  की। आड़ में स्मिथ ने उसे गिरफ्तार कर लियासिमथ तुरंत रायपुर रवाना हुआरास्‍ते में सौ सैनिक जो उसकी मदद के लिए आ रहे थे मिले। 15 दिसम्‍बर को इलियट के समझ सिमथ ने नारायण सिंह को प्रस्‍तुत किया ।

⦿अंग्रेजो के विरूद्ध विद्रोह का मुकदमा चलामौत की सजा सुनाई गई। रायपुर के प्रमुख चौराहों पर जनता और एक सौ एक सैनिकों के समक्ष 10 दिसम्‍बर 1857 को क्रांतिवीर नारायण सिंह shahid veer narayan singh को फांसी दी गई। महानदी की घाटी और छत्तीसगढ़ की माटी का सपुत इस अंचल में प्रथम शहदी के प्रेरणा स्‍त्रोत के रूप में सदैव याद रहेंगें।



इन्‍हें भी देखें💬 Biography of Osho in hindi । Osho books in hindi 

इन्‍हें भी देखें💬भारतीय गणितज्ञ एवं उनका कृतित्‍व !! aryabhata, varaha mihira, brahma gupta, bhaskaracharya, shrinivas ramanujan

Tags-

  • shahid veer narayan singh
  • वीर नारायण सिंह वीर नारायण सिंह का जीवन परिचय वीर नारायण सिंह पर निबंध
  • वीर नारायण सिंह की जीवनी वीर नारायण सिंह का जन्म कब हुआ वीर नारायण सिंह का चित्र
  • वीर नारायण सिंह तस्वीरें वीर नारायण सिंह का फोटो!

shahid veer narayan singh

By Admin