नल वंश Nala vansh
cgpsc mains syllabus history
paper 3 part 3
नलवंश के राजाओं एंव उनके राज्य विस्तार के संबंध में
अद्यावधि जानकारी अत्यल्प है। इसका प्रमुख कारण शिलालेख के साक्ष्य का अत्यंत
कम मिल पाना।
कुल मिलाकर 5 उत्कीर्ण और थोड़े से साने के सिक्के के
आधार पर ही नलवंश की क्रमानुगतिता का किंचित अनुमान लगाया जा सकता है। ये 5 लेख
दीए गए स्थान जिनमें एक उड़ीसा केसरी बेड़ा एवं पांडियापाथर में एक अमरावती
सिद्धपुर एक पोड़ागढ़ जयपुर राज्य तथा एक राजिम छत्तीसगढ़ में उपलब्ध हुए हैं।
अन्य अभिलेखों में समुद्रगुप्त का प्रयाग प्रशस्ति ,
प्रभावती
गुप्त का ऋद्धिपुर ताम्रपत्र, चालुक्य राज पुलकेशिन का एहोल अभिलेखा एवं पल्लवगल्ल
नंदिवर्धन का उदयेन्दिरम ताम्रपत्र से नलों से संबंधित है ये जानकारी मिलती है।
प्रमुख शासको की जानकारी
अभिलेखों में बहुश: उल्लिखित नलवंश प्रसुता,
नलवंशाद्भव,
ख्यातो
नृपोनल प्रभृति उल्लेखों से विदित होता है कि नलवंशी राजा अपना संबंध पौराणिक नल
से स्थापित करते है, परन्तु अन्य किसी प्रमाण के अभाव में पौराणिक नल
दक्षिण कोसल में नलवंशी राजाओं की क्रमानुगतिता स्थापित कर पाना संभव नहीं है।
इस क्षेत्र में प्रथम राजा बरहा राज 400 – 400 ई0 हुआ।
जिसकी 29 स्वर्ण मुद्राएं एडेंगा में मिली।
बराहराज के उत्तराधिकारी भवदत्त ने बस्तर तथा कोसल
क्षेत्र में वाकाटकों को पराजित कर अपने साम्राज्य का विस्तार नागपुर तथा बरार
तक कर लिया था परन्तु वाकाटकों द्वारा पुन: शक्ति प्राप्त कर लेने पर नागपुर तथा
विदर्भ का क्षेत्र उनके हाथों से छीन लिया गया । किन्तु वह बस्तर तथा दक्षिण
कोसल पर बराबर राज्य करता रहा। भवदत्त के दो पुत्र थे अर्थपति भट्टारक और स्कंद
वर्मा।
अर्थपति भट्टारक
भवदत्त के पश्चात उसका पुत्र अर्थपति राज्य का
उत्तराधिकारी हुआ भट्टारक पद युवराज का द्योतक
है, जिससे उसके ज्येष्ठ पुत्र होने का संकेत मिलता है।
अर्थपति के केसारिबेड़ा ताम्रपत्र से विदित होता है कि अर्थपति नलों की प्राचीन
राजधानी पुष्करी में वापस आ गया।
वाकाटकों ने नलों की राजधानी पुष्करी को भी नष्ट
भ्रष्ट कर दिया। इसप्रकार अर्थपति का शासन काल अत्यंत सीमित अवधि का था। इस अवधि को हीरालाल शुक्ल ने 460 से 475 ई0 के
मध्य निरूपित किया है।
एडेंगा निधि में अर्थपति के दो सिक्के प्राप्त हुए है।
स्कंद वर्मा-
अर्थपति के बाद उसका भाई स्कंद वर्मा ने राज्य संभाला
। उसने नष्ट भ्रष्ठ पुष्करी को पुन बसाया ।
स्कंद वर्मा के बाद संभवत: नल श्री हीन होकर अपने राज्य
बस्तर कोरापुट में गंगो के मांडलिक बने रहे। इसी समयावधि में पूर्वी चालुक्य
राजा कीर्तिवर्धन प्रथम 567 से597 ई0 के नलों पर आक्रमण किया था।
अन्य शासक-
कुछ समय बाद नल शासक दक्षिण पूर्वी भाग में चले गये।
रायपुर जिले के राजिम से प्राप्त अभिलेख से तीन नलवंशी राजाओं की जानकारी मिलती
है।
पृथ्वीराज, विरूपराज और विलासतुंग विष्णु
का उपासक था जिसने राजिम में भगवान विष्णु
के उच्च स्थान का निर्माण कराया था। यह वर्तमान में राजीवलोचन मंदिर के नाम से
विख्यात है। पुरालिपिय प्रमाणों के आधार पर विलासतुंग की राज्यावधि 700 से 740
ई0 के मध्य रखी जा सकती है।
पल्लवव्याघ्र नंदिवर्धन के उदयेदिरम दानपत्र से ज्ञात
होता है कि विलासतुंग के पश्चात पृथ्वीव्याघ्र नामक निषध राजा नल ने उत्तराधिकार
प्राप्त किया।
पृथ्वी व्याघ्र के शासन के 150 वर्ष पश्चात एक नलवंशी
राजा भीमसेन का पता चलता है जिसने गंजाम कोरापुट क्षेत्र में ताम्रपत्र भी
प्रसारित कियाथा। वह शिव भक्त था।भीमसेन का राज्य 900 से 925ई0 तक माना जा सकता
है।
भीमसेन के बाद संभवत: दण्डकारण्य में नाग एवं सोमवंशी
राजाओं ने स्थान ले लिया था।
नल वंश का पतन
अंतत: 12 वी सदी ई0 मे यह वंश पूर्णत: ह्रास हो गयी।
सांस्कृतिक महत्व-
नलवंशियों के शासनकाल में छत्तीसगढ़ में सांस्कृतिक दृष्टि
से विकास हुआ । मंदिर एवं स्थापत्यकाल को विकसित किया गया। आरण्यकी संस्कृति
के विकास के साथ ही आर्थिक उन्नति हुई, दक्षिण कोसल का दक्षिण भाग
एंव दण्डकारण्य तथा पश्चिमी उत्कल क्षेत्र इनके प्रशासन से सर्वाधिक प्रभावित
हुआ।
इन्हें भी देखें 👉प्रागेतिहासिक काल CGPSC MAINS HISTORY NOTES
इन्हें भी देखें 👉छत्तीसगढ़ का इतिहास वैदिक युग से लेकर गुप्त काल तक
इन्हें भी देखें 👉नल वंश CGPSC MAINS HISTORY NOTES
इन्हें भी देखें 👉शरभपूरीय वंश CGPSC MAINS HISTORY
NOTES
इन्हें भी देखें 👉 पांडु वंश CGPSC MAINS HISTORY NOTES
इन्हें भी देखें 👉रतनपुर कलचुरी वंश CGPSC MAINS HISTORY NOTES
इन्हें भी देखें 👉रायपुर कलचुरी वंश CGPSC MAINS HISTORY NOTES
इन्हें भी देखें 👉कलचुरी एवं उनका प्रशासन CGPSC MAINS HISTORY NOTES
इन्हें भी देखें 👉छत्तीसगढ़ मेंं सामंती राज व्यवस्था CGPSC MAINS NOTES
इन्हें भी देखें 👉हिस्ट्री ऑफ बस्तर
इन्हें भी देखें 👉छग की पूर्व रियासतें एवं जमींदारियां
इन्हें भी देखें 👉छग में 1857 की क्रांति Revolt
of 1857
इन्हें भी देखें 👉श्रमिक आंदोलन छग workers
movement
इन्हें भी देखें 👉कृषक आंदोलन छग peasant
movement
See More 💬डेंटल कॉलेज लिस्ट एवं जानकारी छग में Dental College In Cg ! List Of All Chhattisgarh Dental College
See More 💬होमियोपैथी कॉलेज लिस्ट एवं जानकारी BHMS college in Chhattisgarh All list homeopathy college in bilaspur, raipur
See More 💬आर्युर्वेद कॉलेज लिस्ट छग cg ayurvedic college list ! BAMS college in Chhattisgarh
See More 💬नौकरी के लिए बेस्ट IGNOU कोर्स । 12 वीं के बाद
See More💬 स्टेनोग्राफर कोर्स प्राइवेट कॉलेेज ITI stenography course ! private college in chhattisgarh
See More💬प्राइवेट आईटीआई कॉलेज Private iti college in raipur chhattisgarh
See More💬 ड्राप्टमेंन ट्रेड की जानकारी एवं कॉलेज छग में ITI college cg ! iti Draughtsman (Civil) & Draughtsman (Mechanical) trade details!
भारत का भूगोल !! ncert pattern !! bharat ka bhugol hindi notes !! indian geography
- भारत की भौगौलिक संरचना ।। चट्टानें ।। दक्षिण का प्रायद्वीपीय पठार ।। उत्तर की पर्वत मालाएं ।। उत्तर का विशाल मैदान ।।