Sarkari Yojna name Changed-India That Is Bharat

सरकारी
योजनाओं के नाम मेक इन इंडिया(make in india)
और स्टार्टअप इंडिया (Startup India) रहे हैं।
माना जा रहा है कि सरकार पहले
वाली योजनाओं को यथावत ही
रखेगी
,
लेकिन
नई स्कीमों में भारत नाम ही
रहेगा। कानूनी जानकारों का
भी कहना है कि संविधान में भी
‘इंडिया
,
दैट
इज भारत‘ (india that is bharat) लिखा गया है। इससे
स्पष्ट है कि भारत या फिर इंडिया
किसी भी नाम का इस्तेमाल सरकार
कर सकती है। दोनों नाम संवैधानिक
रूप से ठीक हैं और काई कानूनी
अड़चन नहीं है। हाल ही में सरकार
ने ड्रोन्स को बढ़ावा देने के
लिए भी एक योजना शुरू की है।
इस योजना का नाम ‘भारत ड्रोन
शक्ति‘ (Bharat Drone Shakti)रखा गया है।

 

आप
को बता दंे कि राष्ट्रपति भवन
की ओर से G
20
देशों
के डिनर के लिए जारी पत्र में
‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत‘  (President Of Bharat)लिखा
गया तो हलचल मच गई। इसके बाद
जब आसियान समिट के लिए जारी
सूचना पत्र में भी प्राइम
मिनिस्टर ऑफ भारत (Prime Ministar Of Bharat)दिखा तो कयास
तेज हो गए कि शायद देश का नाम
ही बदलने वाला है। इसके लिए
संविधान में संशोधन तक के कयास
लगने लगे। इसके उपरांत खबर
हे कि सरकार ऐसा कुछ नहीं करने
जा रही। संविधान मं संशोधन
करने या फिर संसद में काई
प्रस्ताव लाकर ऐसा करने की
कोशिश नहीं होगी। इसकी बजाय
नैरेटिव के लेवल पर यह प्रयास
किया जाएगा कि देश को ‘इंडिया
‘ की बजाय भारत नाम से ही संबोधित
किया जाए। इसके लिए सरकार सभी
अधिसूचनाओं
,
निमंत्रण
पत्रों
,
सरकारी
योजनाओं में ‘भारत‘ का इस्तेमाल
शुरू करेगी। अब तक चली आ रहीं
स्किल इंडिया और स्टैंडअप
इंडिया जैसी योजनाओं में कोई
बदलाव भी नहीं होगा। लेकिन
नई स्कीमों में भारत नाम ही
शामिल रहेगा। 

पहले ही सरकार
‘कर्मयोगी भारत‘ (Karmyogi Bharat)आयुष्मान
भारत (Ayusman Bharat)जैसी योजनाओं की शुरूआत
कर चुकी है। इसके अलावा होम
मिनिस्टर अमित शाह पहले ही
आईपीसी (IPC)को बदलकर भारतीय न्याय
संहिता करने और सीआरपीसी (CRPC)को
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता
करने का प्रस्ताव दे चुके हैं।
इसके अलावा इंडियन एविडेंस
ऐक्ट भी अब भारतीय साक्ष्य
बिल कहलाने लगा है। इसके उदाहरण
पासपोर्ट के तौर पर भी देखा
जा सकता है। इसमें रिपब्लिक
ऑफ इंडिया और भारत सरकार दोनों
ही लिखा रहता है।

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