डॉ पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी जी की बायोग्राफी ।।
पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी जी बहुमुखी
प्रतिभा सम्पन्न व्यक्ति थे। वे एक भावुक, कवि, सफल कहानिकार,
समालोचक, निबंधकार, सुयोग्य
सम्पादक तथा कुशल अनुवादक थे। वे हिन्दी के महान साहित्यकार थे वे बंगला,
अंग्रेजी, एवं संस्कृत के उच्चकोटि के
विद्वान थे।
- पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी जी का जन्म:- 27 मई सन् 1894 ज्येष्ठ मास
हिन्दी - जन्म स्थान:- खेरागढ़ तहसील जिला
राजनांदगाव - पिता:- श्री पुन्नालाल बख्शी
- दादाजी:- श्री बरियाव बाबू ऊर्फ बुल्कू
बाबू - परदादाजी:- श्री उमराव बख्शी ये
प्रसिद्ध कवि एंव भक्त थे।ये खैरागढ़ के राजा फतेहसिंह और उनके पुत्र राजा
उमरावसिंह के शासनकाल में राजकवि थे।
पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी जी का शिक्षा | Education –
- विक्टोरिया हाईस्कूल
खैरागढ़ में। - मैट्रिक्यूलेशन की परीक्षा द्वितीय प्रयास में सन् 1912 में उत्तीर्ण
की। - उच्च शिक्षा सेन्ट्रल हिन्दू कॉलेज, बनारस में।
- बीए की परीक्षा सन् 1916 मेंउत्तीर्ण
की।
विवाह:- सन् 1913 में मण्डला निवासी
श्री हरिप्रसाद श्रीवास्तव की जेष्ठ पुत्री लक्ष्मीदेवी के साथ।
पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी जी की संताने:-
पुत्र:- महेन्द्रकुमार, देवेन्द्र कुमार
पुत्रियों:- इन्दिरा, सरस्वती, सुधा, प्रभा
कार्य भार:-
- सन् 1916 में स्टेट हाईस्कूल
राजनांदगांव में संस्कृत अध्यापक के पद पर नियुक्त - 1920 में हिन्दी की प्रख्यात पत्रिका
सरस्वती के सम्पादक - 1929 में सम्पादकत्व छोड़कर नरहरदेव
हाईस्कूल कांकेर में शिक्षक - 1930-1934 तक पुन: स्टेट हाईस्कूल, राजनांदगांव में
शिक्षक। - 1934 में विक्टोरिया हाईस्कूल
खैरागढ़ में अंग्रेजी के शिक्षक। - 1949 से 1957 तक खैरागढ़ की
राजकुमारियों के शिक्षा गुरू रहें। - 20अगस्त सन् 1959 के दिग्विजय काजेज, राजनांदगांव में
हिन्दी के प्रध्यापक नियुक्त।
पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी जी द्वारा सम्पादन:-
इनकी प्रारम्भिक कविताएं एवं
कहानियां हितकारिणी नामक पत्रिका में प्रकाशित होती रही है इसके बाद आचार्य महावीर
प्रसाद द्विवेदी के सम्पर्क में आए उसके बाद इनकी रचनाए सरस्वती पत्रिका में
प्रकाशित होने लगी।
सरस्वती, प्रयाग का दो बार
सम्पादन। इसके अतिरिक्त छाया, प्रजाबंधु, साप्ताहिक, महाकोशल आदि।
पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी जी की रचनाएं:-
- निबंध:- हिन्दी साहित्य विमर्श, साहित्य चर्चा,
साहित्य शिक्षा, हिन्दी कहानी साहित्य,
यात्रा, बिखरे पत्र, प्रबंध
पारिजात, तुम्हारे लिए, कुछ और कुछ,
मकरन्द बिन्दु, प्रदीप, आदि - आलोचनात्मक ग्रंथ:– हिन्दी उपन्यास
साहित्य, विश्व साहित्य आदि - कहानी:-अंजलि, झलमला, आदि
- आत्मचरित्र:- मेरी आत्मकथा
- काव्य गंथ:–शतदल, अश्रुदल
उपाधि:-
- 1949 में अखिल भारतीय हिन्दी साहित्य
सम्मेलन द्वारा साहित्य वाचस्पति की उपाधि से विभूषित। - 1960 में सागर विश्वविद्यालय सागर
मध्यप्रदेश द्वारा डी लिट्स की मानद उपाधि प्रदत्त।
सम्मान एवं पुरस्कार:-
- 1964 में उनकी 70वीं वर्षगांठ पर
राजनांदगांव के टाउन हाल में सार्वजनिक अभिनंदन। - 1965 में मध्यप्रदेश हिन्दी साहित्य
सम्मेलन के रायपुर अधिवेशन में सम्मान। - 1966 में हिन्दी परिषद् दुर्गा
महाविद्यालय, रायपुर द्वारा बसंत पंचमी केअवसर पर पांच साहित्यकारों के सम्मान में
समारोह। - 1968 मे मध्यप्रदेश शासन द्वारा
विशेष सम्मान के साथ रू0 5000 की थेली भेंट की गई तथा रू0 300 मासिक की वित्तिय
सहायता स्वीकृत की गई।
पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी जी की मृत्यु:-
दिग्विजय कॉलेज रानांदगाव में हिन्दी
का प्रध्यापक पद पर रहते हुए रायपुर के डी0के0 हॉस्पिटल में दिंनांक 28 दिसंबर
1971 को बख्शी साहब की मृत्यु हो गयी।